नदी किनारे कचरा फेंकने से नाराज़ ग्रामीणों ने खोला मोर्चा, मुख्यमंत्री व राज्यपाल को भेजा त्राहिमाम संदेश

Written by Subhash Rajak

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हरिओम कुमार
हरनौत (अपना नालंदा)। हरनौत नगर पंचायत क्षेत्र अंतर्गत जोरारपुर गांव में नदी किनारे कचरा फेंके जाने को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। नगर पंचायत की इस घोर लापरवाही से न केवल नदी का पानी दूषित हो रहा है, बल्कि आसपास की जमीन, खेती-बाड़ी और जनस्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। परेशान ग्रामीणों ने अब आंदोलन का रास्ता अपनाते हुए मुख्यमंत्री, राज्यपाल, जिलाधिकारी, स्थानीय सांसद और विधायक को त्राहिमाम संदेश भेजकर त्वरित कार्रवाई की मांग की है।

ग्रामीणों का कहना है कि नगर पंचायत द्वारा हरनौत-सकसोहरा रोड से जोरारपुर गांव जाने वाली सड़क और नदी के बीच स्थित खेत में पूरे नगर क्षेत्र का कचरा डंप किया जा रहा है। इस स्थान के ठीक पूर्व दिशा में नदी बह रही है और पश्चिम दिशा से सड़क गुजरती है। बदबूदार कचरे से लोगों का पैदल चलना मुश्किल हो गया है, सांस लेने में दिक्कत हो रही है। कचरे से निकलने वाला गंदा पानी सीधे नदी में गिर रहा है, जिससे नदी का पानी और भूजल दोनों दूषित हो रहे हैं।

ग्रामीणों — योगेन्द्र प्रसाद सिंह, गनौरी प्रसाद, मिथिलेश कुमार, संतोष कुमार, बालेश्वर प्रसाद, अनिल कुमार समेत अन्य ने बताया कि यह कचरा जोरारपुर, किचनी, महेशपुर, दैली और आसपास के गांवों के हजारों ग्रामीणों के लिए खतरा बन चुका है। क्षेत्र में केवल खेती ही आय का प्रमुख साधन है, लेकिन बदबू और मक्खी-मच्छरों के कारण किसानों को खेतों में काम करना मुश्किल हो गया है। मरे हुए जानवरों को भी कचरे के बीच फेंका जाता है, जिससे सियार और आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ गई है। ये जानवर राहगीरों को दौड़ाते हैं और काटने की घटनाएं भी सामने आई हैं।

कई स्कूली गाड़ियां बदबू और रास्ते में फेंके गए कचरे के कारण गांवों में नहीं पहुंच पा रही हैं, जिससे छोटे-छोटे बच्चों को भारी कठिनाई हो रही है। वहीं, सड़क पर फेंके गए कचरे की वजह से बाइक सवारों के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं।

शनिवार को ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल नगर पंचायत कार्यालय पहुंचा और कार्यपालक पदाधिकारी सौरभ सुमन को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने मांग की कि जनहित में शीघ्र इस कचरे को हटाया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।

कार्यपालक पदाधिकारी सौरभ सुमन ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत प्राप्त हुई है और इस पर विचार किया जा रहा है। वहीं ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे इस मामले को लेकर उच्चाधिकारियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री और महामहिम राज्यपाल तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं।

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