बाल हृदय योजना के तहत छह बच्चों को इलाज के लिए पटना भेजा गया, अहमदाबाद में होगी सर्जरी

Written by Sanjay Kumar

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हरिओम कुमार
हरनौत (अपना नालंदा)।राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी “बाल हृदय योजना” के तहत जन्मजात हृदय रोग (दिल में छेद) से पीड़ित नालंदा जिले के छह बच्चों को बुधवार को इलाज के लिए पटना भेजा गया। पटना स्थित इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में प्रारंभिक जांच के बाद, जरूरत पड़ने पर इन बच्चों को सर्जरी हेतु गुजरात के अहमदाबाद स्थित सत्य साईं हार्ट अस्पताल भेजा जाएगा।

इस संबंध में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के जिला समन्वयक डॉ. प्रमोद कुमार पटेल और हरनौत पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राजीव रंजन सिन्हा ने बताया कि इन बच्चों का संपूर्ण इलाज राज्य सरकार द्वारा मुफ्त कराया जाएगा। इलाज के साथ-साथ यात्रा और रहने का खर्च भी सरकार वहन करेगी।

इलाज के लिए चयनित बच्चे:

  1. पल्लवी कुमारी (3 वर्ष), ग्राम–दुधैला, प्रखंड–नगरनौसा
  2. नेहा कुमारी (13 वर्ष), ग्राम–ओरियावां, प्रखंड–एकंगरसराय
  3. प्रियांशु कुमार सुधांशु (11 वर्ष), ग्राम–बकौर, प्रखंड–इस्लामपुर
  4. रियांशु कुमार (11 महीने), ग्राम–तारापर, प्रखंड–रहुई
  5. कुमारी अमृता (9 वर्ष), ग्राम–मियाद, प्रखंड–नूरसराय
  6. मिनु कुमारी (16 वर्ष), ग्राम–किचनी, प्रखंड–हरनौत

इन सभी बच्चों को परिजनों और आरबीएसके टीम के साथ एंबुलेंस से पटना भेजा गया है, जहां 18 और 19 जून को विशेष शिविर का आयोजन किया गया है।

बाल हृदय योजना के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. पटेल ने बताया:

यह योजना पांच जनवरी 2021 को बिहार सरकार की कैबिनेट से स्वीकृत हुई थी।

यह योजना 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए है, जिसमें 38 तरह की बीमारियों का मुफ्त इलाज किया जाता है।

विशेष रूप से जन्मजात हृदय रोगों से पीड़ित बच्चों को चिन्हित कर उन्हें उच्च स्तरीय अस्पतालों में मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाता है।

योजना के अंतर्गत पटना के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान और अहमदाबाद के सत्य साईं हार्ट अस्पताल जैसे प्रतिष्ठित केंद्रों में उपचार की सुविधा उपलब्ध है।

डॉ. पटेल ने बताया कि एक अध्ययन के अनुसार, हर एक हजार नवजात शिशुओं में छह बच्चे जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित होते हैं, जिनमें से कई को जीवन के पहले वर्ष में ही सर्जरी की आवश्यकता होती है। इस योजना से हृदय रोग से होने वाली शिशु मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आ रही है।

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