प्रो. सचिन चतुर्वेदी बने नालंदा विश्वविद्यालय के नये कुलपति, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

Written by Sanjay Kumar

Published on:

अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ। नई दिल्ली स्थित थिंक-टैंक रिसर्च एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर डेवलपिंग कंट्रीज (आरआईएस) के महानिदेशक प्रो. सचिन चतुर्वेदी को नालंदा विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके नाम पर अंतिम मुहर लगा दी है। लंबे समय से खाली चल रहे इस पद पर नियमित कुलपति की नियुक्ति से विश्वविद्यालय परिसर में उत्साह का माहौल है।

प्रो. चतुर्वेदी की नियुक्ति प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा भेजे गए प्रस्तावों में से की गई है। उनके साथ कुलपति पद की दौड़ में प्रो. शैलेंद्र मेहता, प्रो. सच्चिदानंद जोशी और विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति अभय कुमार सिंह भी शामिल थे। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति ने मंगलवार को प्रो. चतुर्वेदी के नाम को स्वीकृति प्रदान की। हालांकि, अब तक विश्वविद्यालय प्रशासन को इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना प्राप्त नहीं हुई है।

विशिष्ट योग्यता और अनुभव:
प्रो. चतुर्वेदी विकास अर्थशास्त्र, व्यापार, निवेश, नवाचार, डब्ल्यूटीओ, एसडीजी और दक्षिण-दक्षिण सहयोग जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ माने जाते हैं। वे भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य भी हैं। इसके अलावा, भारत सरकार की कई नीतिगत पहलों में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

प्रो. चतुर्वेदी 20 से अधिक पुस्तकों का लेखन और संपादन कर चुके हैं। उनकी पुस्तक ‘द लॉजिक ऑफ शेयरिंग – इंडियन अप्रोच टू साउथ-साउथ कोऑपरेशन’ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहना मिली है। वे कई अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं के संपादकीय बोर्ड में शामिल हैं। उन्होंने येल विश्वविद्यालय, एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय, जेएनयू, और शिमला के इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज में विजिटिंग फेलो या प्रोफेसर के रूप में भी कार्य किया है।

उन्होंने संस्थानों के निर्माण और ज्ञान के वैश्विक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए “दिल्ली प्रोसेस” जैसे मंच की स्थापना भी की है।

नालंदा विश्वविद्यालय में नियमित कुलपति की नियुक्ति को लेकर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास के अध्यक्ष नीरज कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के प्रति आभार प्रकट किया है।

Leave a Comment