राजगीर में महिला कबड्डी विश्व कप की तैयारी अधर में, समय पर आयोजन को लेकर उठे सवाल

Written by Sanjay Kumar

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अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ। राजगीर के अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 1 से 10 जून तक आयोजित होने वाले महिला कबड्डी विश्व कप को लेकर जहां एक ओर स्थानीय लोगों और खेल प्रेमियों में उत्साह है, वहीं दूसरी ओर तैयारियों की धीमी गति से चिंता का माहौल भी बनता जा रहा है।

बिहार राज्य खेल प्राधिकरण और कबड्डी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के बीच इस आयोजन को लेकर एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर पहले ही हस्ताक्षर हो चुके हैं। बिहार सरकार ने भी इस अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की सफलता के लिए 8.5 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। इसे महिला खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा और सराहनीय कदम माना जा रहा है।

लेकिन आयोजन की तिथि नजदीक आने के बावजूद स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में तैयारियों का अभाव साफ तौर पर देखा जा रहा है। केवल इनडोर हॉल को कबड्डी के आयोजन के योग्य माना जा रहा है, लेकिन आयोजन स्थल पर अब तक सजावट, खिलाड़ियों के आवास, परिवहन, सुरक्षा, चिकित्सा, मीडिया कवरेज और अन्य व्यवस्थाओं पर कोई ठोस कार्य शुरू नहीं हुआ है।

स्थानीय लोगों और खेलप्रेमियों का कहना है कि इस तरह की निष्क्रियता से आयोजन की सफलता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। टूर्नामेंट में भारत समेत जापान, ईरान, श्रीलंका, थाईलैंड, केन्या, बांग्लादेश, नेपाल, इंडोनेशिया, कोरिया, तुर्की, अर्जेंटीना, ब्राज़ील और इंग्लैंड की टीमें भाग लेंगी। ऐसे में समय रहते यदि व्यवस्थाएं पूरी नहीं हुईं, तो राज्य की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान हो सकता है।

स्थानीय खेल प्रेमियों ने आशंका जताई है कि तैयारी के अभाव में खिलाड़ियों को भी आवश्यक सुविधाओं से वंचित रहना पड़ सकता है, जिससे उनके प्रदर्शन और मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस स्तर के आयोजन के लिए जो बुनियादी ढांचा और प्रबंध अपेक्षित होते हैं, वे फिलहाल नदारद हैं।

इस संबंध में पूछे जाने पर स्पोर्ट्स अकादमी और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी केवल यही कहते नजर आ रहे हैं कि उन्हें अब तक इस संबंध में कोई स्पष्ट निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।

खेल प्रेमियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि सरकार और संबंधित विभाग तत्काल प्रभाव से हस्तक्षेप करते हुए अधोसंरचना और अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करें, ताकि यह आयोजन भव्य और सफलतापूर्वक संपन्न हो सके। इससे न सिर्फ खेल संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा मिलेगी।

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