अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ। पूज्य तपस्वी श्री जगजीवन जी महाराज सरस्वती विद्या मंदिर, हसनपुर (राजगीर) में रविवार को एक संवादात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य आचार्य, अभिभावक और छात्रों के बीच प्रभावी एवं समर्पित संबंध स्थापित करने के उपायों पर मंथन करना था।
कार्यक्रम के मुख्य संसाधन व्यक्ति कुंदन पाठक और ज्ञान रंजन सिन्हा ने शिक्षकों को मार्गदर्शन प्रदान किया। कुंदन पाठक ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में कहा कि आज के समय में शिक्षक की भूमिका केवल शैक्षणिक ज्ञान देने तक सीमित नहीं है, बल्कि उसे बच्चों की मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक जरूरतों को भी समझना चाहिए। उन्होंने “ब्लैक डॉट स्टोरी” के माध्यम से यह संदेश दिया कि जीवन में नकारात्मकता नहीं, बल्कि सकारात्मकता को देखना और सिखाना ही एक शिक्षक की सच्ची भूमिका है।
कार्यक्रम में बच्चों में बढ़ती मोबाइल लत, भावनात्मक दूरी और पारिवारिक तनाव जैसे ज्वलंत मुद्दों पर भी चर्चा की गई। श्री ज्ञान रंजन सिन्हा ने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे छात्रों को आत्मनिर्भर, भावनात्मक रूप से सशक्त और जागरूक नागरिक बनाने में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षक बच्चों को समझें और सच्चे मन से उनका मार्गदर्शन करें, तो हर बच्चा सफलता की नई ऊंचाइयों को छू सकता है।
कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य सहित सभी आचार्यगण उपस्थित थे।




