हरिओम कुमार
हरनौत (अपना नालंदा)। स्थानीय प्रखंड के सरथा गांव में आयोजित नौ कुण्डीय नवचेतना गायत्री महायज्ञ का समापन शुक्रवार को श्रद्धा और भक्ति के माहौल में हुआ। अंतिम दिन रुद्र महायज्ञ, विभिन्न वैदिक संस्कार—जैसे पुंसवन, अन्नप्राशन, नामकरण, विद्यारम्भ, मुंडन आदि—का आयोजन किया गया। पूणार्हुति और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ की पूर्णता हुई।

गायत्री परिवार सरथा द्वारा आयोजित इस महायज्ञ में हरिद्वार से आए टोली नायक नंदन कुमार एवं प्रवचनकर्ता अनिल कुमार को सम्मानपूर्वक विदाई दी गई। आयोजकों में शामिल संतोष कुमार, सुनील कुमार एवं विरदचंदन सिंह ने बताया कि सुबह से देर शाम तक यज्ञकुंडों में आहुतियाँ दी गईं और संध्या के समय लगभग 1100 दीप जलाकर दीपयज्ञ का आयोजन किया गया।
श्रद्धालुओं ने दोपहर और रात्रि में आयोजित भंडारे में खीर, कढ़ी-चावल, खिचड़ी और बूंदी-पूरी जैसे व्यंजनों का महाप्रसाद ग्रहण किया। पहले दिन 311 महिलाओं ने कलश शोभायात्रा निकाली, जबकि दूसरे दिन विशेष हवन और प्रवचन आयोजित किए गए।
प्रवचनकर्ता अनिल कुमार ने बताया कि नवचेतना गायत्री महायज्ञ का उद्देश्य है कि हर घर में यज्ञ एवं संस्कार का वातावरण बने, आपसी भाईचारा मजबूत हो और समाज संस्कारवान बने। उन्होंने यह भी बताया कि शांतिकुंज, हरिद्वार में चल रहे अखंड ज्योति यज्ञ के सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यह विशेष आयोजन देशभर में किया जा रहा है, जिससे अधिक से अधिक लोग यज्ञ और साधना से जुड़ें।




