अपना नालंदा संवाददाता
राजगीर। महात्मा गांधी के ‘सत्याग्रह’ आंदोलन की ऐतिहासिक धरती मोतिहारी आज देश को प्रतिभाशाली तलवारबाज देने के लिए नई पहचान बना रही है। पूर्वी चंपारण जिला मुख्यालय मोतिहारी में स्थित तलवारबाजी प्रशिक्षण केंद्र, पूर्व राज्य चैंपियन और कोच अप्पू कुमार के नेतृत्व में युवाओं को निखारने का कार्य कर रहा है।

28 वर्षीय अप्पू कुमार, जो पूर्वी चंपारण फेंसिंग संघ के सचिव हैं, ने तमाम सामाजिक और पारिवारिक दबावों के बावजूद खेल को अपना करियर बनाया। उन्होंने बताया, “मैं एक किसान परिवार से आता हूं। पिता दिहाड़ी मजदूर हैं। बीसीए करने के बाद परिवार ने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का दबाव बनाया, लेकिन मेरा मन खेलों में ही लगा रहा।”
अप्पू ने मोतिहारी के कैम्ब्रिज इंटरनेशनल एकेडमी में शिक्षक के रूप में कार्य शुरू किया और बच्चों के साथ जुड़ाव ने उनके भीतर खेलों के प्रति जुनून और गहरा कर दिया। वर्ष 2019 में मात्र 22 वर्ष की उम्र में उन्हें फेंसिंग संघ का संयुक्त सचिव बनाया गया और यहीं से एक नए सफर की शुरुआत हुई।
संघर्षों से सजी सफलता की कहानी
शुरुआत में प्रशिक्षण केंद्र में बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। खिलाड़ी एल्युमीनियम पिस्ट और उधार के सेबर जैकेट से अभ्यास करते थे। सीमेंटेड फर्श पर टेंट मैट बिछाकर अभ्यास चलता था। लेकिन वर्ष 2022 में मोतिहारी नगर निगम द्वारा 30 पूर्ण तलवारबाजी किट उपलब्ध कराए जाने के बाद स्थितियों में सुधार आया।
2023 तक इस केंद्र से जुड़े खिलाड़ियों ने सात राष्ट्रीय पदक जीते। इसके बाद 2024 और 2025 में यह संख्या बढ़कर 11 हो गई। हाल ही में भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) ने भी केंद्र को आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए हैं।
खेलो इंडिया में चंपारण का दबदबा
खेलो इंडिया 2024 में सिर्फ एक खिलाड़ी, शिवम, ने भाग लिया था, वहीं 2025 में बिहार टीम में 15 खिलाड़ी चंपारण जिले से चयनित हुए हैं। यह जिले के लिए बड़ी उपलब्धि है। वर्तमान में खेल भवन, मोतिहारी के प्रशिक्षण केंद्र में 30 खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं, जबकि SAI द्वारा संचालित केंद्र में भी 30 खिलाड़ी निखारे जा रहे हैं।
नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तक पहुंच
देश के 24 नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (NCOE) में से दो में अप्पू कुमार के चार खिलाड़ी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इनमें रवि कुमार यादव और केशर राज प्रमुख हैं।
रवि कुमार यादव ने बताया, “मैं पहले किकबॉक्सिंग करता था, लेकिन अप्पू सर ने मुझे तलवारबाजी की ओर प्रेरित किया और आज मैं एनसीओई, गुवाहाटी में अभ्यास कर रहा हूं।”
14 वर्षीय केशर राज, जो सब-जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में कांस्य और 68वीं नेशनल स्कूल गेम्स में स्वर्ण जीत चुकी हैं, ने कहा, “हम पहले एक खेत में अभ्यास करते थे, लेकिन अब हमें खेल भवन मिला है। यह सब अप्पू सर की मेहनत का परिणाम है।”
भविष्य की योजना
अप्पू कुमार कहते हैं, “यदि बिहार में भी हाई परफॉर्मेंस ट्रेनिंग सेंटर या एनसीओई की स्थापना हो जाए, तो हमारे खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच सकते हैं। हम 600 रुपये मासिक शुल्क के माध्यम से संचालन कर रहे हैं और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पदकों पर हमारा पूरा ध्यान है।”




