अपना नालंदा संवाददाता
हरनौत । स्थानीय बाजार स्थित डाक-बंगला रोड के एक निजी मैरिज हॉल में शुक्रवार को निरंकारी मिशन हरनौत शाखा की ओर से भव्य सत्संग का आयोजन किया गया। इस आध्यात्मिक अवसर पर उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से पधारे केंद्रीय ज्ञान प्रसारक सुरेंद्र नाथ त्रिपाठी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित किया।

अपने प्रवचन में उन्होंने फरमाया, “जिसकी भक्ति, जिसकी पूजा – उसका ज्ञान जरूरी है। कहे हरदेव, पहले ईश्वर की पहचान जरूरी है।” उन्होंने समझाया कि ईश्वर को जानने के लिए सिर्फ पूजा-पाठ काफी नहीं, बल्कि एक दिव्य दृष्टि की आवश्यकता होती है, जो केवल सतगुरु की कृपा से प्राप्त होती है।
त्रिपाठी जी ने आगे कहा कि भक्ति का अर्थ है निराकार प्रभु की निरंतर स्मृति में लीन रहना, दिनचर्या के हर कार्य में उनकी उपस्थिति का अनुभव करना और भक्ति को अपने स्वभाव का हिस्सा बना लेना। उन्होंने स्पष्ट किया कि सच्ची भक्ति किसी स्वार्थ या सांसारिक इच्छाओं से प्रेरित नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मनुष्य जन्म अत्यंत दुर्लभ है और इसका सर्वोच्च उद्देश्य है – वर्तमान समय के सतगुरु से प्रभु का साक्षात ज्ञान प्राप्त करना, ताकि जीवन सार्थक हो सके और जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति प्राप्त की जा सके। यदि यह कार्य समय रहते नहीं किया गया, तो अंत समय में केवल पछतावा ही शेष रह जाएगा।
सत्संग के दौरान श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे और पूरे वातावरण में निरंकार प्रभु के गुणगान की गूंज सुनाई दी। इस अवसर पर डॉ. उपेंद्र कुमार, नितीश, रंजीत, अमरजीत, धर्मवीर, सोनी, शैला सहित आसपास के सैकड़ों लोगों ने भाग लिया और सत्संग का लाभ उठाया।




