हरनौत (नालंदा), 24 अप्रैल। प्रखंड के नेहुसा गांव में दो दिवसीय बाबा चौहरमल महोत्सव का आयोजन श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। यह महोत्सव श्री श्री 108 बाबा चौहरमल स्मारक समिति के तत्वावधान में 23 व 24 अप्रैल को आयोजित किया गया था। समिति के अध्यक्ष विजय पासवान ने जानकारी दी कि मेले में दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर बाबा चौहरमल के दरबार में मत्था टेका और पूजा-अर्चना की

महोत्सव में मनोरंजन के लिए बच्चों व युवाओं के लिए झूले, खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की व्यवस्था की गई थी। रात्रिकालीन कार्यक्रमों में दुगोला प्रतियोगिता और नाट्य कथा का मंचन आकर्षण का केंद्र रहा। आयोजन के दौरान हरनौत थाना की पुलिस टीम लगातार सक्रिय रही और मेला शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।
ग्रामीण अमरदीप पासवान ने जानकारी दी कि बाबा चौहरमल समाज के महान लोकनायक थे। उनका जन्म 4 अप्रैल 1313 को चैत्र पूर्णिमा के दिन मोकामा अंचल के शंकरबाड़ टोला में हुआ था। उनके पिता का नाम बंदिमल और माता का नाम रघुमती था। बचपन से ही वे विलक्षण प्रतिभा के धनी थे।
बाबा चौहरमल सामंतवाद के विरुद्ध संघर्ष के प्रतीक माने जाते हैं। वे जीवन भर असमानता, अन्याय और असुर प्रवृत्ति के विरुद्ध डटे रहे। उन्होंने मानवता, समानता और सामाजिक एकता का संदेश दिया। महिलाओं के प्रति अत्यंत सम्मानभाव रखने वाले बाबा चौहरमल कभी किसी महिला पर आक्षेप तक नहीं करते थे। समाज उन्हें आदि पुरुष के रूप में मानता है।
इस दो दिवसीय महोत्सव ने सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक विरासत को मजबूती प्रदान की।




