बच्चों ने दिखाई नेतृत्व की झलक, बालसभा में उठाए पंचायत के गंभीर मुद्दे

Written by Sanjay Kumar

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अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ ।“लोकसभा से, विधानसभा से… अब आएगी आवाज़ बालसभा से!” इसी सोच को साकार करते हुए गुरुवार को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर सिलाव प्रखंड की सबैत पंचायत स्थित उर्दू उत्क्रमित मध्य विद्यालय, सबैत के प्रांगण में बाल सभा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उर्दू उत्क्रमित मध्य विद्यालय एवं उर्दू उच्च विद्यालय सबैत के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

बाल सभा का मुख्य उद्देश्य पंचायत को बाल हितैषी बनाना और

विद्यालयों को बाल अनुकूल वातावरण प्रदान करना था। इस अवसर पर बच्चों ने पंचायत में व्याप्त समस्याओं पर बेबाकी से अपनी बात रखी।

बच्चों ने बताया कि पंचायत में कचरा निष्पादन की कोई सुसंगठित व्यवस्था नहीं है। भले ही कचरा गाड़ी गांव में आती है, परंतु वह एकत्र कचरे को गांव के एक कोने में जलाकर नष्ट कर देती है, जिससे जहरीले धुएं के कारण गांव में प्रदूषण फैलता है और बच्चों, बुजुर्गों समेत आम लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने मांग की कि पंचायत में वैज्ञानिक ढंग से कचरा निष्पादन की व्यवस्था की जाए।

इसी तरह, बच्चों ने पंचायत में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की अनुपलब्धता पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इलाज के लिए ग्रामीणों को 10 किलोमीटर दूर बिहारशरीफ जाना पड़ता है, जिससे आर्थिक और शारीरिक दोनों तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने पंचायत में सरकारी अस्पताल की मांग की ताकि स्थानीय स्तर पर ही इलाज संभव हो सके।

बच्चों ने विद्यालय में पुस्तकालय एवं खेल के मैदान की भी मांग की, ताकि वे शैक्षणिक विकास के साथ-साथ खेलों के माध्यम से मनोरंजन और मानसिक विकास कर सकें।

सभा में मौजूद बच्चों ने यह भी निर्णय लिया कि वे 30 अप्रैल 2025 को विद्यालय परिसर और उसके आसपास पौधारोपण करेंगे, ताकि पंचायत को हरित और स्वच्छ बनाया जा सके। इस निर्णय पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक मोहम्मद जुनैद अख्तर एवं अन्य शिक्षकगण ने बच्चों की सराहना की और उन्हें हरसंभव सहयोग देने का वादा किया।

सभा के अंत में बच्चों ने एकजुट होकर सबैत पंचायत को शिक्षित पंचायत बनाने, 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों की शादी नहीं होने देने, तथा लड़कियों को उच्च माध्यमिक शिक्षा तक पहुँचाने की शपथ ली।

कार्यक्रम में दोनों विद्यालयों के लगभग 55 छात्र-छात्राएं, शिक्षकगण एवं पिरामल फाउंडेशन समृद्धि प्रोजेक्ट के प्रोग्राम लीडर राजीव रंजन उपस्थित रहे। बालसभा के इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि अगर बच्चों को बोलने का मंच मिले, तो वे भी सामाजिक बदलाव के सशक्त सूत्रधार बन सकते हैं।

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