अपना नालंदा संवाददाताबिहारशरीफ ।बिहार में अफसरशाही और भ्रष्टाचार किस कदर अपनी जड़ें जमा चुका है, इसका अंदाजा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह ज़िले नालंदा के अस्थावां नगर पंचायत में साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। यहां आए दिन जनता द्वारा सरकारी योजनाओं में धांधली और रिश्वतखोरी की शिकायतें सामने आती रही हैं।
अब इन शिकायतों पर कार्रवाई के लिए अस्थावां नगर पंचायत की मुख्य पार्षद लाडली सिन्हा ने एक साहसिक और अभिनव कदम उठाया है।लाडली सिन्हा ने नगर पंचायत को भ्रष्टाचारमुक्त बनाने के उद्देश्य से एक जागरूकता वाहन की शुरुआत की है, जो गांव-गांव और मोहल्लों में जाकर लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए प्रेरित कर रहा है।
इस वाहन के माध्यम से लोगों को बताया जा रहा है कि यदि कोई अधिकारी, कर्मचारी या बिचौलिया किसी भी सरकारी योजना—विशेषकर इंदिरा आवास योजना—के तहत रिश्वत की मांग करता है, तो वे चुप न रहें, बल्कि तत्काल इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से करें।
इस जागरूकता वाहन में लगे लाउडस्पीकर से स्पष्ट संदेश दिया जा रहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अब चुप्पी नहीं, कार्रवाई ज़रूरी है। साथ ही इसमें यह जानकारी भी दी जा रही है कि शिकायतें जिलाधिकारी, मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद या निगरानी विभाग को दी जा सकती हैं। वाहन पर हेल्पलाइन नंबर और शिकायत प्रक्रिया भी दर्शाई गई है, जिससे लोग बिना डर के अपनी बात अधिकारियों तक पहुँचा सकें।
मुख्य पार्षद लाडली सिन्हा ने बताया कि यह पहल जनता की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद शुरू की गई है। उन्होंने कहा, “अब बहुत हो चुका! जनता को उसके हक से वंचित नहीं होने दिया जाएगा। हम पूरी पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ नगर पंचायत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएंगे।
“इस अनोखी पहल की चर्चा अब पूरे क्षेत्र में हो रही है। लोग इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक साहसी कदम मान रहे हैं। कई नागरिकों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि पहली बार किसी जनप्रतिनिधि ने खुलकर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मोर्चा खोला है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि यह अभियान कितना असरदार साबित होता है और क्या वास्तव में जनता इसमें भागीदारी निभाते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत मोर्चा बना पाती है।मुख्य पार्षद की यह मुहिम भ्रष्टाचार के खिलाफ एक साहसी और सकारात्मक पहल है। यदि इसमें जनता का सहयोग मिला तो यह न केवल अस्थावां, बल्कि पूरे नालंदा जिले में एक प्रेरणादायक उदाहरण बन सकता है।




