मोहनपुर में फतेह सिंह और जोरावर सिंह जी की स्मृति में बनेगा गुरुद्वारा – धर्म जागरण का नया केंद्र होगा कबीर चौरा धाम

Written by Sanjay Kumar

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अपना नालंदा संवाददाता
बिहारशरीफ।गुरुद्वारा कबीर चौरा धाम, मोहनपुर में ब्रह्मलीन कबीरपंथी साध्वी माता समुद्री देवी की पुण्य स्मृति में आयोजित गुरुग्रंथ साहिब का 48 घंटे का अखंड पाठ मंगलवार को विधिवत संपन्न हुआ। पाठ समापन के अवसर पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई और धार्मिक वातावरण में भक्ति रस से सराबोर संगतों ने भाग लिया।

पाठ के समापन पर सरदार प्रेम सिंह ने संत रैदास के निर्गुण भक्ति पद “प्राणी क्या तेरा क्या मेरा” का गायन कर सभी को भाव-विभोर कर दिया। इस अवसर पर तख्त हरिमंदिर साहिब और बाल लीला गुरुद्वारा, पटना साहिब से आई सिख संगत ने अरदास करते हुए गुरुद्वारा निर्माण का संकल्प लिया और निशान साहिब का ध्वजारोहण किया गया।

महंत ब्रजेश मुनि महाराज ने घोषणा की कि मोहनपुर (राघोपुर) में साहिबजादे फतेह सिंह और जोरावर सिंह जी के नाम पर बिहार का पहला गुरुद्वारा स्थापित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह स्थान ऐतिहासिक महत्व का है क्योंकि फतेहपुर और जुड़ावनपुर जैसे गांव धर्म-रक्षा के लिए साहिबजादों के बलिदान की गवाही देते हैं। यह गुरुद्वारा सिख श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बनेगा।

कार्यक्रम में युवाचार्य संत विवेक मुनि महाराज ने कहा कि यह गुरुद्वारा धर्म जागरण और लोक कल्याण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा।

सेवादार समाज कल्याण समिति के संरक्षक सरदार बलराम सिंह ने कहा, “महंत ब्रजेश मुनि जी ने अपनी माताजी के सपनों को साकार करने का संकल्प लेकर मातृभक्ति का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है, जो सभी पुत्रों के लिए प्रेरणादायक है।”

गुरुग्रंथ साहिब के अखंड पाठ में सरदार बलराम सिंह, सरदार पाठी सिंह, सरदार रतनजीत सिंह, सरदार रवि सिंह और सरदार अवतार सिंह की प्रमुख भूमिका रही।

साध्वी रेणु भारती, जयमंती देवी और गीता देवी ने इस अवसर पर भावपूर्ण निर्गुण भजन प्रस्तुत किए।
कबीरपंथ के संत बाबा सतनाम दास, संत रामबली ठाकुर, संत अशोक दास, रमन मुनि, महेश मुनि सहित अन्य साधु-संतों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को आध्यात्मिक गरिमा प्रदान की।

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