हिलसा । बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा संचालित “प्रवेशोत्सव 2025” को सफल बनाने हेतु हिलसा प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय, मई के शिक्षक अजीत कुमार सिंह ने एक अनोखी पहल की है, जो पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन चुकी है।
शिक्षा को जन-जन तक पहुँचाने के लिए वे प्रतिदिन सुबह डफली की थाप और प्रेरक गीतों के माध्यम से गांव-टोले में लोगों को जागरूक कर रहे हैं। वे अपनी टीम के साथ अलसुबह निकल जाते हैं और स्वरचित लोकगीतों और नुक्कड़ नाटक के ज़रिए अभिभावकों को अपने बच्चों के नामांकन हेतु प्रेरित करते हैं।
श्री सिंह की मेहनत का परिणाम यह है कि अब तक दर्जनों अभिभावकों ने अपने बच्चों का नामांकन विद्यालय में कराया है। विद्यालय का नामांकन रिकॉर्ड अब क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बन चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि इस सफलता का पूरा श्रेय अजीत कुमार सिंह को जाता है।
उन्होंने बताया कि विद्यालय के पोषक क्षेत्र जैसे मई, गोविंद टोला, अर्जुन टोला और रसमंडली टोला में लगातार जागरूकता अभियान चलाया गया है। अभियान के दौरान वह न केवल गीत गाते हैं बल्कि छात्रों को नुक्कड़ नाटक के लिए प्रशिक्षित भी करते हैं, ताकि आम लोगों को शिक्षा के महत्व को रोचक और प्रभावी ढंग से समझाया जा सके।
प्रवेशोत्सव 2025, जो कि 15 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 तक चलाया जा रहा है, का उद्देश्य 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा से जोड़ना और शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करना है। साथ ही, स्कूल छोड़ चुके बच्चों की पहचान कर उन्हें फिर से विद्यालय से जोड़ने पर भी जोर दिया जा रहा है।
नामांकन के साथ ही छात्रों को नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें, गणवेश, मध्याह्न भोजन तथा आंगनबाड़ी से प्राथमिक विद्यालय में स्थानांतरण की विशेष व्यवस्था भी दी जा रही है।
समुदाय की भागीदारी बढ़ाने के लिए श्री सिंह रैलियों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और जागरूकता अभियानों का भी आयोजन कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह अभियान न केवल नामांकन बढ़ाने का प्रयास है, बल्कि शिक्षा के सार्वभौमिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम है।
उनकी इस प्रेरणादायक पहल से अन्य शिक्षक भी प्रभावित हो रहे हैं और अपने-अपने क्षेत्रों में प्रवेशोत्सव को प्रभावी बनाने हेतु जुट गए हैं।




