अपना नालंदा संवाददाता
इस्लामपुर। इस्लामपुर नगर परिषद की सामान्य बोर्ड बैठक बुधवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के आम बजट पर चर्चा के लिए परिषद सभागार में बुलाई गई थी, लेकिन यह बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य पार्षद किरण देवी ने की, जबकि कार्यपालक पदाधिकारी पूजा माला, उप मुख्य पार्षद तनवीर आलम और 24 वार्ड पार्षद उपस्थित रहे।
बैठक की शुरुआत हुई ही थी कि पिछली बैठक के प्रस्तावों की संपुष्टि का मुद्दा उठते ही वार्ड पार्षदों में असहमति फैल गई और हंगामा शुरू हो गया। इसी बीच कार्यपालक पदाधिकारी ने कुछ पार्षदों के प्रतिनिधियों को बैठक से बाहर जाने का निर्देश दे दिया, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। शोर-शराबे और अव्यवस्था के बीच कार्यपालक पदाधिकारी, मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद बैठक बीच में ही छोड़कर अपने कक्ष में चले गए, जिससे बैठक बिना किसी निष्कर्ष के समाप्त हो गई और बजट पारित नहीं हो सका।
विपक्षी पार्षदों का आरोप है कि बजट पारदर्शिता के बिना पारित किया जा रहा है और उन्हें बैठक से पूर्व बजट की प्रतियां तक उपलब्ध नहीं कराई गईं। उन्होंने कार्यपालक पदाधिकारी, मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद पर मनमानी, धांधली और पार्षदों के साथ दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए। विरोधी पार्षदों ने यहां तक आरोप लगाया कि प्रोसिडिंग रजिस्टर में अनुपस्थित पार्षदों के नाम से भी प्रस्ताव पारित किया जाता है।
विपक्षी पार्षदों में फिरोज आलम, पुष्पा देवी, स्वाति कुमारी, चिंता देवी, प्रतिभा सिन्हा, रेशमी देवी, रीता देवी, टिंकू कुमार, संगीता कुमारी समेत कुल 15 पार्षद शामिल हैं, जो कार्यशैली से नाराज होकर एकजुट हो गए हैं। विपक्ष का कहना है कि बजट पारित न होने की स्थिति में नगर परिषद के विकास कार्य ठप हो जाएंगे।
मुख्य पार्षद किरण देवी और उप मुख्य पार्षद तनवीर आलम ने सभी आरोपों को निराधार और राजनीति से प्रेरित बताया। उनका कहना है कि बैठक नियमों के तहत बुलाई गई थी और कुछ प्रतिनिधियों द्वारा जानबूझकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई।
गौरतलब है कि इस्लामपुर नगर परिषद में कुल 26 वार्ड हैं और बजट पारित करने के लिए न्यूनतम 9 पार्षदों की सहमति आवश्यक होती है। लगातार दूसरी बार बजट बैठक विफल होने से नगर में विकास कार्यों को लेकर अनिश्चितता का माहौल बन गया है। अब दोनों गुट अपने-अपने स्तर पर बैठक कर रणनीति बनाने में जुटे हैं।