बिहारशरीफ (सिलाव प्रखंड)।
सिलाव प्रखंड अंतर्गत नालंदा स्थित मोहनपुर मत्स्य हैचरी में बुधवार को मत्स्य मॉल एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला मत्स्य पदाधिकारी ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि नालंदा जिले के किसान अब मत्स्य पालन को नगदी फसल के रूप में अपना रहे हैं, जिससे यह क्षेत्र पारंपरिक खेती के साथ-साथ आजीविका का मजबूत साधन बनता जा रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि मोहनपुर स्थित यह हैचरी न केवल बिहार बल्कि अन्य राज्यों के मत्स्य पालकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन चुका है, जहां वे प्रशिक्षण लेकर अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा रहे है
कार्यक्रम में सिलाव अंचल अधिकारी आकाशदीप ने कहा कि नालंदा एक अंतरराष्ट्रीय पहचान रखने वाला जिला है, और कृषि एवं मत्स्य पालन के क्षेत्र में हो रहे विकास इस पहचान को और मजबूत कर रहे हैं।
हैचरी संचालक सह बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहयोग समिति, पटना प्रमंडल के निदेशक शिवनंदन प्रसाद उर्फ शिवजी ने प्रशिक्षण सत्र में मछली पालन, मत्स्य बीज उत्पादन, हैचरी व तालाब के रखरखाव, साफ-सफाई, कम समय और खर्च में अधिक उत्पादन जैसे विषयों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मोहनपुर हैचरी की ख्याति अब राज्य सीमाओं को पार कर चुकी है, और अन्य प्रदेशों से भी किसान यहाँ प्रशिक्षण हेतु आ रहे हैं, जो इस क्षेत्र के लिए गौरव की बात है।
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने जिला मत्स्य पदाधिकारी से आग्रह किया कि नालंदा में एक वातानुकूलित मत्स्य मॉल की स्थापना की जाए, ताकि अन्य राज्यों और देशों से आए लोग यहाँ के मत्स्य उत्पादों को देख सकें और निर्यात को भी बढ़ावा मिल सके।
इस कार्यक्रम में मत्स्य प्रचार पदाधिकारी पंकज कुमार, नीलम कुमारी, अरविंद कुमार, भोला प्रसाद, राजकुमार केवट, जय केवट, वीरेंद्र केवट, राजीव कुमार, साहिल राम, रामचंद्र सिंह, रंजीत कुमार, चांदो प्रसाद, लाल बहादुर, नीतीश कुमार, सुमित समेत सैकड़ों की संख्या में किसान व स्थानीय लोग उपस्थित थे।