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Written by Subhash Rajak

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नालंदा के जनता दरबार में गूंजे आम लोगों के सवाल, जिलाधिकारी ने दिए त्वरित कार्रवाई के निर्देश

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नालंदा में हर हफ्ते आयोजित होने वाले जनता दरबार में आज फिर आम लोगों की आवाज़ बुलंद हुई। अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर 25 आवेदकों ने जिलाधिकारी शशांक शुभंकर के सामने अपनी बात रखी। हर मामले को गंभीरता से सुनते हुए जिलाधिकारी ने तुरंत संबंधित अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए।

जब आम आदमी की परेशानी बनी प्राथमिकता

बड़राज ग्राम के एक आवेदक ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए बताया कि द्वितीय अपीलीय प्राधिकार का अनुपालन अब तक नहीं हुआ है। महीनों से इस मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई, जिससे न्याय मिलने की उम्मीद कमजोर पड़ रही थी। जिलाधिकारी ने इस मुद्दे को गंभीर मानते हुए अपर समाहर्ता एवं जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया।

नगर पंचायत गिरियक के सफाई कर्मियों की आवाज़ भी जनता दरबार में गूंजी। सफाई एजेंसी द्वारा उनके अधिकारों का हनन करने की शिकायत मिली। सफाईकर्मियों ने बताया कि उनके साथ अन्याय किया जा रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जिलाधिकारी ने कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत गिरियक को इस मामले में न्यायसंगत समाधान सुनिश्चित करने के आदेश दिए।

जब घर ही सुरक्षित न रहे तो कहाँ जाएँ लोग?

एक आवेदक ने भावुक होकर कहा कि उसका घर जबरन कब्जाने की कोशिश की जा रही है। परिवार में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है, लेकिन अब तक कोई मदद नहीं मिली। इस गंभीर मामले को जिलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी, बिहारशरीफ को तत्काल संज्ञान में लेने का निर्देश दिया।

कहीं जमीन पर कब्जा, तो कहीं मनमानी निर्माण

कोरावां ग्राम के एक व्यक्ति ने शिकायत की कि उनकी ज़मीन पर जबरन मकान बनाया जा रहा है। उन्होंने कई बार स्थानीय प्रशासन से शिकायत की, लेकिन समाधान नहीं हुआ। जिलाधिकारी ने अंचल अधिकारी, हिलसा एवं थानाध्यक्ष, चिकसौरा को निर्देश दिए कि तुरंत मौके पर जाकर उचित कार्रवाई करें।

गलत सूचनाओं के खेल पर रोक लगाने का निर्देश

नगर निगम के कुछ कर्मचारियों द्वारा झूठी अवधारणा फैलाने की शिकायत भी जनता दरबार में आई। आवेदक ने बताया कि गलत जानकारी से जनता को भ्रमित किया जा रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने नगर आयुक्त, नालंदा को इस मामले की सच्चाई की जांच कर तत्काल आवश्यक कार्रवाई करने को कहा।

जनता दरबार – उम्मीद और समाधान की जगह

इसके अलावा, अन्य आवेदकों की समस्याओं को सुनकर जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे जनता के मामलों को प्राथमिकता से लें और समय पर समाधान सुनिश्चित करें।

जनता दरबार में शामिल लोगों का कहना था कि इस पहल से जनता और प्रशासन के बीच की दूरी घट रही है। जिन समस्याओं के समाधान के लिए महीनों लग जाते थे, वे अब जनता दरबार में सुनवाई के साथ ही कार्रवाई के लिए आगे बढ़ जाती हैं।

आपकी भी कोई समस्या है? अगली जनता दरबार में अपनी आवाज उठाइए और समाधान पाइए।


पंचायत सरकार भवन निर्माण कार्य की समीक्षा बैठक आयोजित, जिलाधिकारी ने दिए त्वरित समाधान के निर्देश

जिला पंचायती राज विभाग के तत्वाधान में आज जिलाधिकारी शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में पंचायत सरकार भवन निर्माण कार्य की प्रगति को लेकर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले के कई पंचायतों में निर्माण कार्य में आ रही चुनौतियों और उनके समाधान पर विस्तार से चर्चा की गई।

A meeting with nalanda DM

निर्माण कार्य में देरी क्यों? जिलाधिकारी ने उठाए सख्त सवाल

बैठक के दौरान हरनौत, अस्थावां, इस्लामपुर, राजगीर और नगरनौसा प्रखंडों के ग्राम पंचायतों में पंचायत सरकार भवन निर्माण कार्य में हो रही देरी पर जिलाधिकारी ने गहरी चिंता व्यक्त की।

इन पंचायतों में विद्युत आपूर्ति में बाधा, भूमि विवाद और अन्य प्रशासनिक अड़चनों के कारण निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है। जिलाधिकारी ने इस पर नाराजगी जताते हुए संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि इन समस्याओं का तत्काल समाधान निकाला जाए ताकि निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू हो सके।

विद्युत आपूर्ति में देरी अब नहीं होगी बर्दाश्त

बैठक के दौरान विद्युत आपूर्ति से जुड़ी परेशानियों पर भी चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता, विद्युत प्रमंडल को स्पष्ट निर्देश दिए कि पंचायत सरकार भवनों तक बिना किसी देरी के बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधा डालने वाली किसी भी लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।

निर्माण कार्य की धीमी गति पर सख्त चेतावनी

बैठक में जिलाधिकारी ने निर्माण कार्य से जुड़े अभियंताओं और संबंधित पदाधिकारियों से स्पष्ट शब्दों में कहा कि निर्माण कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही या देरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पंचायत सरकार भवन ग्रामीण विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और इनका जल्द निर्माण जरूरी है ताकि पंचायत स्तर पर सरकारी सेवाएं सुचारू रूप से लोगों तक पहुँच सकें।

बैठक में कौन-कौन थे मौजूद?

इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में जिला पंचायती राज पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता (भवन / LAEO / विद्युत प्रमंडल), संबंधित पंचायती राज पदाधिकारी, अंचल अधिकारी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। सभी को निर्देश दिया गया कि वे अपने-अपने स्तर पर कार्यों की निगरानी बढ़ाएँ और निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने में सहयोग दें।

जल्द ही होगा समाधान, प्रशासन की सख्ती से बढ़ेगी निर्माण प्रक्रिया

बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि सभी पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कार्य जल्द से जल्द प्रारंभ हो और किसी भी प्रकार की अड़चन आने पर सीधे जिला प्रशासन को सूचित किया जाए।

क्या आपके पंचायत क्षेत्र में भी कोई अधूरा सरकारी निर्माण कार्य है? अपनी समस्या जिला प्रशासन तक पहुँचाएँ और समाधान प्राप्त करें।


बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा 2025: कड़ी सुरक्षा और सख्त नियमों के बीच होगी परीक्षा, जानिए महत्वपूर्ण निर्देश

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB), पटना द्वारा आयोजित इंटरमीडिएट वार्षिक (सैद्धान्तिक) परीक्षा-2025 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। यह परीक्षा 1 फरवरी 2025 से 15 फरवरी 2025 तक दो पालियों में आयोजित होगी। पहली पाली सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:45 बजे तक होगी, जबकि दूसरी पाली दोपहर 2:00 बजे से शाम 5:15 बजे तक चलेगी। नालंदा जिला प्रशासन ने इस परीक्षा को नकलमुक्त और शांतिपूर्ण बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। इस बार परीक्षा बिहारशरीफ अनुमंडल मुख्यालय में कुल 32 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएगी, जहां सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए हैं।

सख्त नियम और कड़े प्रतिबंध, उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई

परीक्षा केंद्रों के आसपास निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। अनुमंडल दंडाधिकारी काजले वैभव नितिन (भा.प्र.से.) ने परीक्षा के दौरान 500 गज के दायरे में धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू करने का आदेश दिया है। इसके तहत:

  • परीक्षा केंद्रों के पास पांच या अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर रोक होगी।
  • हथियारों (लाठी, भाला, गड़ासा, आग्नेयास्त्र आदि) पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।
  • मूल्यवान कागजात, नोट्स, किताबें, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स (मोबाइल फोन, स्मार्टवॉच आदि) ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
  • परीक्षा अवधि के दौरान फोटोकॉपी शॉप, साइबर कैफे और कोचिंग संस्थान सुबह 10:00 बजे से परीक्षा समाप्ति तक बंद रहेंगे।
  • लाउडस्पीकर और ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर सख्त प्रतिबंध रहेगा।

जो भी इन नियमों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। परीक्षा केंद्रों के आसपास प्रशासन विशेष निगरानी रखेगा, ताकि कोई भी अनुचित गतिविधि न हो सके।

सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम, कदाचारमुक्त परीक्षा पर रहेगा जोर

इस बार परीक्षा को पूरी तरह कदाचारमुक्त और निष्पक्ष बनाने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती की गई है। प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर दंडाधिकारी और पुलिस बल तैनात रहेंगे। इसके अलावा गश्ती दल लगातार भ्रमण करता रहेगा, ताकि परीक्षा केंद्रों के बाहर किसी भी तरह की अनुचित गतिविधि को रोका जा सके।

छात्रों और अभिभावकों के लिए आवश्यक दिशानिर्देश

  1. परीक्षार्थी समय से पहले परीक्षा केंद्र पहुंचे, ताकि किसी भी तरह की परेशानी से बचा जा सके।
  2. परीक्षा केंद्र में प्रवेश के समय सभी परीक्षार्थियों की गहन जांच की जाएगी, इसलिए किसी भी प्रकार की अनावश्यक वस्तु न लाएं।
  3. छात्रों को केवल एडमिट कार्ड, पेन और अन्य परीक्षा से संबंधित आवश्यक सामग्री ले जाने की अनुमति होगी।
  4. नियमों का पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है, जो परीक्षा रद्द होने तक जा सकती है।
  5. अभिभावकों से अनुरोध है कि वे परीक्षा केंद्रों के बाहर भीड़ न लगाएं और अपने बच्चों को अनुशासन में रहने की सलाह दें।

निषेधाज्ञा से कौन होंगे मुक्त?

हालांकि, यह आदेश पुलिस पदाधिकारियों, दंडाधिकारियों, शवयात्रा में शामिल लोगों और दिव्यांग व्यक्तियों पर लागू नहीं होगा, जिन्हें चलने के लिए लाठी का सहारा लेना पड़ता है।

परीक्षा केंद्रों की पूरी सूची

इस बार परीक्षा बिहारशरीफ अनुमंडल मुख्यालय के 32 केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। इनमें प्रमुख संस्थान निम्नलिखित हैं:

क्रम संख्यापरीक्षा केंद्र का नामस्थानअनुमंडल / जिला
1डी०पी०सिंह, इन्स्टीच्यूट ऑफ एडूकेशनभागनविगहाबिहारशरीफ
2गौतम टीचर ट्रेनिंग कॉलेजभागनविगहाबिहारशरीफ
3गौतम इन्स्टीच्यूट ऑफ नर्सिंग एंड पारामेडिकलभागनविगहाबिहारशरीफ
4नालन्दा विद्या मंदिरपतासंगबिहारशरीफ
5के०एस०टी० कॉलेजसोहसरायबिहारशरीफ, नालन्दा
6पी०एल०साहू+2 उच्च विद्यालयसोहसरायबिहारशरीफ
7किसान कॉलेजसोहसरायबिहारशरीफ, नालन्दा
8राजकीयकृत कन्या उच्च विद्यालयसोहसरायबिहारशरीफ
9सदरे आलम मेमोरियल सेकेण्डरी स्कूलकागजी मोहल्लाबिहारशरीफ
10रूट्स इंटरनेशनल स्कूलजलालपुर, मोगलकुआंबिहारशरीफ
11देवशरण महिला कॉलेजसोहसरायबिहारशरीफ
12नेशनल+2 उच्च विद्यालयशेखानाबिहारशरीफ
13पी०सी०पी० इंटर कॉलेजडॉ० अर्जुन नगर, सोहसरायबिहारशरीफ
14गुरूकुल विद्यापीठपटेल नगर, नईसरायबिहारशरीफ
15एस०एस० बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालयबिहारशरीफ, नालन्दा
16नालन्दा कॉलेजबिहारशरीफ, नालन्दा
17संत जोसेफ एकाडेमीखंदकपरबिहारशरीफ
18आवासीय मोडल मध्य विद्यालयभैंसासुरबिहारशरीफ
19राजकीय कन्या मध्य विद्यालयकमरूद्दीनगंजबिहारशरीफ, नालन्दा
20आर०पी०एस० स्कूलकचहरी रोडबिहारशरीफ
21कैरियर पब्लिक स्कूलकाशी तकिया, रांची रोडबिहारशरीफ
22जे०पी०इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजीवियावानीबिहारशरीफ
23आर०पी०एस० स्कूलमकनपुर, एकंगरसराय रोडबिहारशरीफ, नालन्दा
24सदानंद इंटरमीडिएट कॉलेजरामचन्द्रपुरबिहारशरीफ
25डेफोडिल पब्लिक स्कूलमंगलास्थानबिहारशरीफ, नालन्दा
26पी०एम०एस० कॉलेजपहड़पुराबिहारशरीफ
27कैम्ब्रिज स्कूलपहड़पुरा, चोरा बगीचा, राणाविगहाबिहारशरीफ
28बिहार टाउन उच्च विद्यालयसालूगंजबिहारशरीफ, नालन्दा
29आदर्श उच्च विद्यालयबिहारशरीफ
30सरदार पटेल मेमोरियल कॉलेजमणीराम बाबा अखाड़ा के नजदीकबिहारशरीफ
31सोगरा कॉलेजबिहारशरीफ, नालन्दा
32जवाहर कन्या उच्च विद्यालयझींगनगरबिहारशरीफ

आखिरी समय की तैयारियों पर ध्यान दें

अब जब परीक्षा नजदीक है, छात्रों को बेहतर समय प्रबंधन, मानसिक संतुलन और सतर्कता पर ध्यान देना चाहिए। परीक्षा के दिन जल्दबाजी और घबराहट से बचें, और सुनिश्चित करें कि सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज, एडमिट कार्ड और परीक्षा सामग्री साथ हो।

यह आदेश अनुमंडल दंडाधिकारी काजले वैभव नितिन के हस्ताक्षर और न्यायालय की मुहर से जारी किया गया है, जो 01 फरवरी 2025 से 15 फरवरी 2025 तक परीक्षा अवधि में लागू रहेगा।

– जिला प्रशासन, नालन्दा


बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी योजना: अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई, प्रशासन सख्त

बिहारशरीफ: बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत अनुमंडल पदाधिकारी ने कृषि उत्पादन बाजार समिति के निर्माण एवं जीर्णोद्धार कार्यों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि राज्य खाद्य निगम गोदाम के दीवार के आसपास और बाजार समिति के उत्तरी चारदीवारी से सटे नवनिर्मित सड़क के पास अवैध रूप से अस्थाई संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा था।

नोटिस के बाद भी नहीं हटे अतिक्रमणकारी

प्रशासन द्वारा पहले ही अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर सरकारी परिसंपत्तियों से हटने का निर्देश दिया गया था। उन्हें यह स्पष्ट रूप से कहा गया था कि वे कृषि विभाग द्वारा निर्मित वेंडिंग प्लेटफार्म पर अपने व्यवसाय संचालित करें। लेकिन, नोटिस जारी होने के एक महीने बाद भी अवैध रूप से अस्थाई दुकानों का निर्माण जारी रहा और सरकारी संपत्ति पर कब्जा बरकरार रहा।

29 जनवरी को चला बुलडोजर, हटाए गए 20 अवैध दुकानें

प्रशासन की चेतावनी के बावजूद जब अतिक्रमणकारी नहीं हटे, तो 29 जनवरी 2025 को अनुमंडल प्रशासन ने सख्त कार्रवाई का निर्णय लिया। दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति करते हुए करीब 20 अस्थाई दुकानों को हटाकर अतिक्रमण मुक्त अभियान चलाया गया। इस दौरान प्रशासनिक टीम पूरी तरह मुस्तैद रही और बाजार समिति परिसर एवं मुख्य सड़कों के किनारे किए गए अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया।

दुकानदारों को दिया सख्त निर्देश

सभी व्यापारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी दुकानें नवनिर्मित वेंडिंग प्लेटफार्म पर ही संचालित करें और वहां किसी भी प्रकार की स्थायी या अस्थायी संरचना का निर्माण न करें। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भविष्य में भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।

भविष्य में भी होगी सख्त कार्रवाई

प्रशासन ने यह भी घोषणा की है कि यदि कोई दुकानदार दोबारा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करता है, तो उसके खिलाफ अतिक्रमण अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना भी वसूला जाएगा

स्थानीय लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया

कुछ स्थानीय व्यापारियों ने प्रशासन की इस कार्रवाई का समर्थन किया और कहा कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत बाजार समिति का सही तरीके से विकास होना जरूरी है। वहीं, कुछ अतिक्रमणकारियों ने अपनी आजीविका का हवाला देकर इस कार्रवाई पर नाराजगी जताई।

क्या कहता है प्रशासन?

प्रशासन का कहना है कि यह अभियान बिहारशरीफ को सुव्यवस्थित और स्वच्छ बनाने के लिए आवश्यक है। वेंडिंग ज़ोन का सही उपयोग करने से व्यापारियों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और शहर की यातायात व्यवस्था भी सुधरेगी

अगला कदम क्या होगा?

इस कार्रवाई के बाद अब प्रशासन ने कड़ी निगरानी रखने का फैसला किया है ताकि दोबारा अतिक्रमण न हो। इसके लिए नियमित निरीक्षण और जुर्माने की प्रक्रिया जारी रहेगी।

आपकी राय क्या है? क्या प्रशासन की यह कार्रवाई उचित है? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं!


इंटरमीडिएट परीक्षा 2025: निष्पक्ष एवं कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए प्रशासन का सख्त रुख

बिहारशरीफ नगर भवन में आज एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें अपर समाहर्ता श्री मंजीत कुमार की अध्यक्षता में आगामी इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 के सुचारू एवं निष्पक्ष संचालन को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। इस बैठक में सभी केंद्राधीक्षकों, दंडाधिकारियों एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को परीक्षा के दौरान पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया।

परीक्षा कार्यक्रम एवं केंद्रों की व्यवस्था

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित यह परीक्षा 1 फरवरी से 15 फरवरी 2025 तक दो पालियों में आयोजित की जाएगी। जिले में कुल 41 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें –

  • बिहारशरीफ में 32 केंद्र
  • राजगीर में 4 केंद्र
  • हिलसा में 5 केंद्र

छात्राओं के लिए 18 परीक्षा केंद्र एवं छात्रों के लिए 23 परीक्षा केंद्र निर्धारित किए गए हैं। इस परीक्षा में कुल 42,357 परीक्षार्थी सम्मिलित होंगे, जिनमें 22,541 छात्र एवं 19,816 छात्राएँ हैं।

परीक्षा में कदाचार रोकने के लिए सख्त निर्देश

परीक्षा में किसी भी प्रकार के अनुचित साधनों के प्रयोग को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा कड़े कदम उठाए गए हैं। परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने की अनुमति नहीं होगी। केवल केंद्राधीक्षक को मोबाइल फोन रखने की अनुमति होगी, जबकि अन्य प्रतिनियुक्त कर्मियों के लिए यह पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

पिछले वर्षों की तरह इस बार भी परीक्षार्थियों को जूता-मौजा पहनकर परीक्षा देने की अनुमति नहीं होगी। परीक्षार्थियों को केवल चप्पल पहनकर ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने दिया जाएगा।

परीक्षा केंद्र में प्रवेश की समय-सीमा

परीक्षार्थियों को प्रथम पाली की परीक्षा के लिए सुबह 9:00 बजे तक तथा द्वितीय पाली की परीक्षा के लिए दोपहर 1:30 बजे तक परीक्षा केंद्र में प्रवेश करना अनिवार्य होगा। विलंब से आने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

सुरक्षा व्यवस्था एवं प्रशासनिक निगरानी

परीक्षा को स्वच्छ एवं कदाचार मुक्त बनाने के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। जिले में परीक्षा केंद्रों पर प्रशासन की कड़ी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए –

  • 218 स्टैटिक दंडाधिकारी
  • 38 गश्ती दल दंडाधिकारी
  • 20 उड़नदस्ता (जोनल दंडाधिकारी)
  • 7 सुपर जोनल दंडाधिकारी

प्रतिनियुक्त किए गए हैं, जो लगातार परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करेंगे और निष्पक्ष परीक्षा सुनिश्चित कराएंगे। जोनल एवं सुपर जोनल दंडाधिकारी अपने निरीक्षण के दौरान परीक्षा केंद्रों की संधारित पंजी में अपनी टिप्पणी दर्ज करेंगे और प्रतिदिन संध्या में अपनी रिपोर्ट जिला पदाधिकारी को सौंपेंगे।

सीसीटीवी निगरानी एवं नियंत्रण कक्ष

प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और परीक्षा की सतत वीडियोग्राफी कराई जाएगी। परीक्षा केंद्रों पर वीक्षक की प्रतिनियुक्ति रेंडमाइजेशन के आधार पर की जाएगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहे। परीक्षा केंद्र में महिला परीक्षार्थियों की चेकिंग महिला दंडाधिकारी एवं महिला पुलिस बल द्वारा की जाएगी।

सख्त नियम और निषेधाज्ञा

परीक्षा केंद्र के 500 मीटर के दायरे में भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 163 के तहत संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा निषेधाज्ञा लागू की गई है। परीक्षा केंद्र के आसपास स्थित फोटोस्टेट और स्टेशनरी दुकानों की जांच के निर्देश दिए गए हैं, ताकि कोई अनुचित साधन न अपनाया जा सके। साथ ही, कोचिंग संस्थानों की गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी।

यातायात और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएँ

बिहारशरीफ शहर में यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए यातायात पुलिस उपाधीक्षक को विशेष निर्देश दिए गए हैं, ताकि परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

इस महत्वपूर्ण बैठक में विशेष कार्य पदाधिकारी, जिला गोपनीय शाखा, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सभी संबंधित केंद्राधीक्षक, दंडाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। अपर समाहर्ता ने स्पष्ट निर्देश दिया कि परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा समिति द्वारा निर्धारित प्रावधानों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।


नालंदा: सरस्वती पूजा और शब-ए-बारात पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, ड्रोन और सिविल ड्रेस में पुलिस करेगी खास निगरानी

क्या आपने कभी सोचा है कि त्योहारों के दौरान आपके शहर की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाती है? इस बार बिहारशरीफ में सरस्वती पूजा और शब-ए-बारात के अवसर पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद खास होने वाली है। प्रशासन ने न केवल फ्लैग मार्च किया है बल्कि रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और ड्रोन निगरानी की भी व्यवस्था की है।

biharsharif officer

ड्रोन और छुपे हुए पुलिसकर्मी, हर हरकत पर रहेगी नजर
शहर के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ड्रोन कैमरों से हवाई निगरानी की जाएगी। यही नहीं, सिविल ड्रेस में तैनात पुलिसकर्मी भी हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। सोचिए, क्या आपकी बगल में कोई गुप्त पुलिसकर्मी खड़ा हो सकता है?

आम लोगों के लिए प्रशासन के कड़े निर्देश — जानिए क्यों हैं ये ज़रूरी

  1. बिना अनुमति मूर्ति स्थापना या जुलूस की अनुमति नहीं होगी।
  2. डीजे के शोर पर सख्त प्रतिबंध रहेगा — सोचिए बिना तेज संगीत के कैसा होगा त्योहार?
  3. मूर्ति स्थापना और विसर्जन का पूरा शेड्यूल पहले से तय करना होगा।
  4. माइक और लाउडस्पीकर के लिए अनुमति लेना अनिवार्य है।
  5. विसर्जन जुलूस में हथियार लाने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।
  6. कोई भी आपत्तिजनक गाना या धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली सामग्री नहीं दिखाई जाएगी।
  7. पूजा स्थल पर 24×7 स्वयंसेवकों की तैनाती अनिवार्य होगी।

क्या मणिराम अखाड़ा तालाब में होगा विसर्जन? नहीं! जानिए क्यों
इस बार मणिराम अखाड़ा तालाब में प्रतिमा विसर्जन नहीं होगा क्योंकि वहां सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार का काम चल रहा है। इसके लिए प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था की है।

क्या आप जानते हैं कि यह सुरक्षा व्यवस्था सिर्फ प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का भी दायित्व है? तो आइए, मिलकर इस बार त्योहार को सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाएं।


महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर बिहार सेंट्रल स्कूल में भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा, छात्रों ने बापू के आदर्शों को आत्मसात करने का लिया संकल्प

क्या आपने कभी सोचा है कि सत्य और अहिंसा जैसे आदर्श आज भी कितने प्रासंगिक हैं? बिहार शरीफ के शिक्षा नगर डोइया स्थित बिहार सेंट्रल स्कूल में गुरुवार को महात्मा गांधी की 77वीं पुण्यतिथि पर एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। यह दिन शहादत दिवस के रूप में मनाया गया, जहां विद्यालय परिवार ने बापू के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किए और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

Bihar Central School

प्रेरक हुआ श्रद्धांजलि कार्यक्रम
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के प्राचार्य श्याम सुंदर प्रसाद ने गांधी जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर की। इसके बाद शिक्षकों और विद्यार्थियों ने भी पुष्पांजलि अर्पित करते हुए बापू को नमन किया। अपने संबोधन में प्राचार्य ने गांधी जी के सत्य और अहिंसा के संदेश पर प्रकाश डालते हुए कहा, “गांधी जी का जीवन न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनके विचार आज भी हमारी सामाजिक और नैतिक दिशा तय करते हैं।”

शिक्षकों ने गांधीवादी विचारों को फिर किया जीवंत
शिक्षकों ने विद्यार्थियों के साथ बातचीत में सत्य, अहिंसा, स्वदेशी और आत्मनिर्भरता के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बच्चों को गांधी जी के विचारों को दैनिक जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी।

छात्रों की प्रस्तुति ने खींचा ध्यान
इस मौके पर छात्रों ने गांधी जी के जीवन पर भाषण प्रस्तुत किए और उनके चित्र बनाकर प्रदर्शित किए। बच्चों की कलाकृतियां न केवल उनकी रचनात्मकता बल्कि बापू के प्रति उनकी गहरी श्रद्धा को भी दर्शा रही थीं।

संकल्प का क्षण बना कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण
कार्यक्रम के अंत में पूरे विद्यालय परिवार ने गांधी जी के विचारों को आत्मसात करने और उनके दिखाए सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। सभा में उपस्थित विद्यार्थियों और शिक्षकों ने इस अवसर को न केवल यादगार बनाया बल्कि यह महसूस कराया कि गांधी जी के विचार समय की सीमा से परे हैं और आज भी हमें प्रेरित करते हैं।

इस भावपूर्ण सभा ने यह स्पष्ट कर दिया कि महात्मा गांधी का जीवन और उनके आदर्श आज भी शिक्षा संस्थानों में जीवंत हैं, और नई पीढ़ी को उनके विचारों से जोड़ने के प्रयास जारी हैं।


थरथरी में टीएलएम मेला 2.0 का आयोजन: नवाचारों से शिक्षकों ने जीता दिल, बच्चों के लिए पढ़ाई हुई मजेदार

क्या आपने कभी सोचा है कि साधारण चीजों से भी पढ़ाई को रोचक और सरल बनाया जा सकता है? इसी सोच को साकार करने के लिए थरथरी प्रखंड के कॉम्प्लेक्स रिसोर्स सेंटर, उच्च माध्यमिक विद्यालय छरियारी बुजुर्ग में टीचिंग लर्निंग मैटेरियल (टीएलएम) मेला 2.0 का आयोजन किया गया। इस मेले में शिक्षकों ने सरल और आसानी से उपलब्ध सामग्रियों से तैयार अपने अनोखे शिक्षण उपकरण प्रस्तुत किए।

मध्य विद्यालय, छोटी छरियारी

शिक्षा में नवाचार की झलक
कार्यक्रम के दौरान शिक्षकों ने अपने-अपने विद्यालयों में इस्तेमाल किए जा रहे टीएलएम का प्रदर्शन किया। रंग-बिरंगे चार्ट, गणितीय पहेलियां, विज्ञान के मॉडल और कहानी कहने के अनोखे तरीकों ने बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को रोचक बनाने के इन उपायों की झलक दिखाई।

प्रतिभाओं को मिला मंच और सम्मान
इस नवाचारी मेले में निर्णायक मंडल ने शिक्षकों के द्वारा प्रस्तुत टीएलएम का बारीकी से अवलोकन किया। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले तीन विद्यालयों को पुरस्कृत किया गया:

  • प्रथम स्थान: मध्य विद्यालय, छोटी छरियारी
  • द्वितीय स्थान: बुनियादी विद्यालय, बड़ी छरियारी
  • तृतीय स्थान: प्राथमिक विद्यालय, नोनिया विगहा

विजेता विद्यालयों को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। साथ ही, सभी प्रतिभागी शिक्षकों को सहभागिता प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया।

विशिष्ट अतिथियों ने बढ़ाया उत्साह
कार्यक्रम में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पुष्पा कुमारी, व्यवस्थापक सुनील कुमार तांती, समन्वयक रवि रंजन कुमार और पिरामल फाउंडेशन के ईश्वर पाल सहित सेवानिवृत्त शिक्षक श्यामनंदन शर्मा मौजूद रहे। उन्होंने शिक्षकों के प्रयासों की सराहना करते हुए शिक्षा में नवाचार की आवश्यकता पर जोर दिया।

छात्रों ने भी लिया उत्साहपूर्ण भाग
टीएलएम मेले में बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया और शिक्षकों के नवाचारों से प्रेरित हुए। कार्यक्रम में मौजूद शिक्षकों ने भी बच्चों के लिए शिक्षा को और रोचक बनाने के नए तरीकों पर विचार साझा किए।

शिक्षा में बदलाव का संकल्प
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण यह रहा कि हर शिक्षक ने शिक्षा को सरल और प्रभावी बनाने के लिए नए दृष्टिकोण अपनाने का संकल्प लिया। इस मेले ने यह साबित कर दिया कि जब शिक्षक नवाचारों के साथ आगे आते हैं, तो पढ़ाई बच्चों के लिए बोझ नहीं, बल्कि एक रोमांचक यात्रा बन जाती है।


गोरमा पंचायत पैक्स समिति की बैठक में अनियमितताओं पर गरमाई चर्चा, सदस्यों ने उठाई जांच की मांग

क्या आपने कभी सोचा है कि खाद्यान्न वितरण जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं में अनियमितताएं कैसे लोगों की समस्याओं को बढ़ा सकती हैं? सिलाव प्रखंड कार्यालय के सभागार में गोरमा पंचायत पैक्स प्रबंध कार्यकारिणी समिति की बैठक में ऐसा ही मुद्दा गरमाया रहा। बैठक का आयोजन जिला सहकारिता पदाधिकारी नालंदा के निर्देशानुसार पर्यवेक्षक एवं प्रखंड प्रसार सहकारिता पदाधिकारी की देखरेख में किया गया, जिसकी अध्यक्षता संजय उपाध्याय ने की।

गोरमा पंचायत

पिछली बैठकों की पुष्टि और नए मुद्दों पर चर्चा
बैठक में 2, 9 और 26 दिसंबर 2024 को हुई बैठकों की पुष्टि की गई। इसके बाद नए सदस्यों की स्वीकृति, धान अधिप्राप्ति, पीडीएस संचालन, बहुद्देशीय सहायक की अस्थायी नियुक्ति तथा नए प्रबंधक की नियुक्ति प्रक्रिया पर विस्तृत चर्चा हुई।

सदस्यों के आरोप और जांच की मांग
बैठक के दौरान सदस्यों ने वर्तमान पैक्स अध्यक्ष अमन कुमार उर्फ निक्कू पर गंभीर आरोप लगाए। सदस्यों का कहना था कि अध्यक्ष बिना प्रबंध कार्यकारिणी की सहमति के पीडीएस वितरण और धान अधिप्राप्ति कर रहे हैं। इससे अनियमितता की आशंका बढ़ गई है।

सदस्यों ने उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए प्रस्ताव पर्यवेक्षक को सौंपा। उनका आग्रह था कि पीडीएस एवं धान अधिप्राप्ति कार्य प्रबंध समिति के माध्यम से ही संचालित किया जाए। पर्यवेक्षक ने सदस्यों को आश्वस्त किया कि इस मामले पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।

विवादों के बीच समाधान की उम्मीद
बैठक में मौजूद प्रबंधक अवधेश प्रसाद, सदस्य सुरेंद्र पासवान, विकास कुमार, आरती देवी, सुबोध कुमार, राजेंद्र शर्मा, सुषमा देवी, अनीता देवी, रूबी देवी और निर्जला कुमारी जैसे सदस्यों ने इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाई। उन्होंने कहा कि गोरमा पंचायत के विकास कार्यों में पारदर्शिता बनाए रखना जरूरी है।

इस बैठक ने न केवल प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े किए बल्कि यह भी दिखाया कि सामूहिक आवाज और जागरूकता के जरिए सुधार की उम्मीद की जा सकती है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले पर कितनी जल्दी कार्रवाई करता है और ग्रामीणों की आशंकाओं को कैसे दूर करता है।


हिलसा की सब्जी मंडी में किसानों का हल्लाबोल, नगर परिषद की कार्रवाई के खिलाफ जन पंचायत का आयोजन

क्या आपने कभी सोचा है कि जिन बाजारों से आपकी थाली तक ताज़ा सब्जियां पहुंचती हैं, वहां विक्रेताओं और किसानों को किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है? हिलसा की सब्जी मंडी में गुरुवार को ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला जब भाकपा माले और किसान महासभा ने एक जन पंचायत का आयोजन किया।

jan panchayat

इस जन पंचायत में सैकड़ों सब्जी उत्पादक किसान, गद्दीदार, ठेला फुटपाथ विक्रेता और फल विक्रेता शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता मंडी के गद्दीदार रामप्रवेश चौधरी, राजकुमार रविदास और मंसूर आलम ने की। इसमें भाकपा माले के प्रखंड सचिव अरुण यादव, किसान महासभा के प्रखंड सचिव दिनेश कुमार यादव और खेत ग्रामीण मजदूर सभा के प्रखंड अध्यक्ष शिव शंकर प्रसाद ने भाग लिया।

किसानों के आक्रोश की वजह

किसानों और विक्रेताओं ने नगर परिषद पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि पिछले 20-25 वर्षों से इस मंडी का संचालन उनकी मेहनत से किया जा रहा है। सड़क किनारे गड्ढों को भरकर मंडी को खड़ा किया गया और छावनी की व्यवस्था की गई। लेकिन अब नगर परिषद बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए मंडी को उजाड़ने की कोशिश कर रही है और जबरन दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है।

किसानों ने आरोप लगाया कि नगर परिषद प्रतिदिन गद्दीदारों से ₹20 और विक्रेताओं से ₹50 वसूल करती है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था नहीं की गई है। ना तो शुद्ध पेयजल की सुविधा है और ना ही शौचालय की व्यवस्था।

महिला किसानों की दिक्कतें

किसान महासभा के सचिव दिनेश कुमार यादव ने बताया कि मंडी में बड़ी संख्या में महिला किसान भी सब्जियां लेकर आती हैं। लेकिन बुनियादी सुविधाओं के अभाव में उन्हें गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

मांगें और चेतावनी

भाकपा माले के सचिव अरुण यादव ने कहा कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था के मंडी को हटाना न्यायिक प्रावधानों का उल्लंघन है। उन्होंने मांग की कि नगर परिषद अविलंब वैकल्पिक व्यवस्था करे और शीत गृह का निर्माण कराए। साथ ही जब तक सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जातीं, तब तक टैक्स वसूली बंद की जाए।

आंदोलन की चेतावनी

किसानों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा। किसान महासभा ने नगर परिषद की दंडात्मक कार्रवाई को तत्काल रोकने की मांग की।

इस जन पंचायत में अधिवक्ता कृष्ण प्रसाद, मनीष कुमार, राजेंद्र पासवान, महबूब नसीरुद्दीन, रामप्रवेश और नरेंद्र प्रसाद सहित कई किसानों ने अपने विचार रखे।

यह बैठक न केवल किसानों और विक्रेताओं की पीड़ा को सामने लाती है, बल्कि यह सवाल भी उठाती है कि आखिर क्यों मेहनतकश किसानों और फुटपाथ विक्रेताओं को बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है। क्या नगर परिषद उनकी आवाज सुनेगी या आंदोलन की चिंगारी और भड़क उठेगी?


कपसियावां हाई स्कूल में टीएलएम मेले का भव्य आयोजन, बच्चों के चेहरे पर झलका उत्साह

क्या कभी सोचा है कि शिक्षा में सिर्फ़ किताबें ही नहीं, बल्कि रचनात्मकता भी बच्चों के भविष्य को संवार सकती है? हिलसा प्रखंड के कपसियावां हाई स्कूल में आयोजित टीएलएम (टीचिंग लर्निंग मैटेरियल) मेले ने इस विचार को नई उड़ान दी।

कार्यक्रम का उद्घाटन समाजसेवी डॉ. आशुतोष कुमार मानव और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी नीतेश कुमार रंजन ने फ़ीता काटकर किया। जैसे ही मेले की शुरुआत हुई, स्कूल परिसर बच्चों की उत्सुकता और रचनात्मकता से गूंज उठा। बारह विद्यालयों से आए दर्जनों शिक्षकों ने विभिन्न शैक्षणिक प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन किया, जिनमें जल जीवन हरियाली, अंग्रेजी पाठ्यक्रम, गिनती, स्वर-व्यंजन, और व्याकरण जैसे विषयों पर आधारित मॉडल्स शामिल थे।

TLM mela 2.0

बच्चों की रचनात्मकता का केंद्र बना मेला

प्रोजेक्ट्स के बीच बच्चे उत्साह से दौड़ते-भागते दिखे। हर मॉडल के पीछे शिक्षकों और विद्यार्थियों की मेहनत झलक रही थी। एक शिक्षक ने बताया कि इन प्रोजेक्ट्स को तैयार करने में बच्चों ने अपनी कल्पना और मेहनत दोनों का अद्भुत समन्वय किया।

अतिथियों की सराहना और सुझाव

बीईओ नीतेश कुमार रंजन ने कहा, “मनोरंजक माध्यमों से बच्चे जल्दी और बेहतर सीखते हैं। इस तरह के आयोजनों से बच्चों में सर्वांगीण विकास होता है।” उन्होंने सभी शिक्षकों की मेहनत की सराहना की और उत्कृष्ट प्रोजेक्ट्स के लिए विशेष प्रोत्साहन देने की घोषणा की।

समाजसेवी डॉ. मानव ने बच्चों की रचनात्मकता की प्रशंसा करते हुए कहा, “यह मेला बच्चों के लिए एक नया अनुभव लेकर आया है। खासतौर पर जल जीवन हरियाली और व्याकरण आधारित प्रोजेक्ट्स ने बच्चों का ध्यान आकर्षित किया। इस तरह के प्रयोगशील कार्यक्रम शिक्षा को ज़िंदगी से जोड़ते हैं।”

शिक्षा में बदलाव की नई दिशा

कार्यक्रम में उपस्थित बीपीएम संजीत कुमार, अवधेश कुमार, पवन कुमार, संजय कुमार, जितेंद्र कुमार, और इंद्रदेव पासवान ने भी मेले की सफलता पर प्रसन्नता जताई।

बच्चों के चेहरे पर चमक

एक छात्रा ने उत्साह से कहा, “मैंने गिनती और जल संरक्षण से जुड़े मॉडल देखे। ये बहुत ही दिलचस्प थे और मुझे पढ़ाई में मजा आने लगा है।”

इस मेले ने एक बार फिर साबित किया कि शिक्षा सिर्फ़ कक्षा तक सीमित नहीं होनी चाहिए। जब बच्चों को कुछ नया और रचनात्मक सीखने का मौका मिलता है, तो उनके चेहरे पर उत्साह और आत्मविश्वास दोनों की चमक साफ़ देखी जा सकती है। क्या इस तरह की पहल शिक्षा के बदलते भविष्य की बानगी है? यह तो समय ही बताएगा!


संतुलित खाद के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता और किसान की आय होगी सुरक्षित — कृषि विशेषज्ञों ने दी नई दिशा

क्या आप जानते हैं कि अंधाधुंध रासायनिक खादों का उपयोग न सिर्फ़ मिट्टी की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि किसानों की आय पर भी असर डाल रहा है? नालंदा उद्यान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रणधीर कुमार ने इसी महत्वपूर्ण विषय पर नूरसराय में आयोजित 15 दिवसीय इनपुट डीलर प्रशिक्षण के समापन और प्रमाण-पत्र वितरण समारोह में किसानों को जागरूक किया।

डॉ. रणधीर कुमार

डॉ. कुमार ने अपनी बात रखते हुए कहा, “किसानों को चाहिए कि वे अपने खेतों में संतुलित खादों का प्रयोग करें ताकि मिट्टी की उर्वरता बनी रहे और खेती की लागत में कमी आए। इनपुट डीलर किसानों के कृषि डॉक्टर होते हैं, इसलिए उनका सही मार्गदर्शन देना बेहद ज़रूरी है। जैविक और संतुलित उर्वरकों का उपयोग न केवल मिट्टी को सुरक्षित रखेगा बल्कि किसानों की फसल उत्पादन क्षमता भी बढ़ाएगा।”

ड्रोन तकनीक से होगी खेती आसान

डॉ. रणधीर कुमार ने यह भी बताया कि महाविद्यालय जल्द ही किसानों के लिए ड्रोन तकनीक उपलब्ध कराने जा रहा है। “ड्रोन तकनीक से किसानों को कम लागत में खेतों में छिड़काव करने की सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी मेहनत और खर्च दोनों में कमी आएगी,” उन्होंने कहा।

मुखिया ने दिए नई तकनीक अपनाने के सुझाव

समारोह के मुख्य अतिथि चंडासी पंचायत की मुखिया अन्नू सिंह ने किसानों की समस्याओं को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा, “आज किसानी घाटे का सौदा बनती जा रही है। हमें पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना होगा। नैनो यूरिया और नैनो डीएपी जैसे उर्वरकों का इस्तेमाल खेती की लागत कम करने में मदद करेगा।”

फसल अवशेष न जलाने की अपील

कृषि वैज्ञानिक संतोष कुमार चौधरी ने किसानों से अपील की कि वे फसल अवशेष न जलाएं। “धान और गेहूं की कटाई के बाद अवशेष जलाने से मित्र कीट नष्ट हो जाते हैं, जिससे मिट्टी का पीएच स्तर बिगड़ता है और वायु प्रदूषण बढ़ता है। जैविक खादों का उपयोग इस समस्या का समाधान है,” उन्होंने कहा।

खाद की सही मात्रा का महत्व

वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. विनोद कुमार ने किसानों को खाद की सही मात्रा के उपयोग पर जागरूक किया। “संतुलित खाद का प्रयोग फसल उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में सहायक है। इनपुट डीलरों को किसानों को इस दिशा में सही जानकारी देनी चाहिए,” उन्होंने कहा।

किसानों की बेहतरी के लिए विशेषज्ञों की सलाह

इस मौके पर डॉ. अजित कुमार, डॉ. एस. आजाद, डॉ. आनंद, डॉ. अंकेश, डॉ. सीमा कुमार, डॉ. महेश कुमार और पूर्व अंधना पंचायत के मुखिया रणधीर कुमार भी मौजूद थे। सभी विशेषज्ञों ने किसानों से जैविक खेती और संतुलित उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा देने की अपील की।

क्या संतुलित खाद और नई तकनीक अपनाने से खेती को फायदे का सौदा बनाया जा सकता है? इन सुझावों को अमल में लाकर किसान अपनी मेहनत का बेहतर फल जरूर पा सकते हैं।


नीली क्रांति की ओर बढ़ता बिहार: मछली पालन से आत्मनिर्भरता की राह पर किसान

क्या आपने सोचा है कि बिहार का अगला बड़ा आर्थिक बदलाव मछली पालन से आ सकता है? गुरुवार को नालंदा जिले के मोहनपुर मत्स्य हैचरी में बिहार के विभिन्न जिलों से आए 180 किसानों को इसी दिशा में प्रशिक्षित किया गया। यह प्रशिक्षण मत्स्य प्रसार पदाधिकारी आरा अजय शंकर और मत्स्य विकास पदाधिकारी मधुरेष्ठ के नेतृत्व में आयोजित किया गया।

इस मौके पर बिहार जो मत्स्यजीवी सहयोग संघ, पटना प्रमंडल के निदेशक और हैचरी संचालक शिवनंदन प्रसाद उर्फ शिव जी ने कहा, “बिहार में मछली की बिक्री के लिए बाजार और मजदूर दोनों की कोई कमी नहीं है। यह मछली पालकों और विक्रेताओं के लिए सकारात्मक संकेत है।”

हरित और श्वेत क्रांति के बाद अब नीली क्रांति की बारी

शिवनंदन प्रसाद ने कहा कि हरित और श्वेत क्रांति के बाद बिहार के किसान तेजी से नीली क्रांति की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार किसानों को अनुदान और प्रशिक्षण देकर मत्स्य पालन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना रही है। “यह एक ऐसा व्यवसाय है जो न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा कर रहा है बल्कि ग्राहकों तक पहुंचने के लिए भी प्रेरित कर रहा है,” उन्होंने कहा।

तालाब प्रबंधन से लेकर बायोफ्लॉक तकनीक तक की मिली जानकारी

प्रशिक्षण के दौरान किसानों को मत्स्य हैचरी के विभिन्न तालाबों का भ्रमण कराया गया। उन्हें तालाब की तैयारी, जलीय पौधों की सफाई, खाऊ मछलियों का उन्मूलन, जीरा संचय, खाद का प्रयोग, कृत्रिम भोजन और दवाओं के छिड़काव जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं।

कम जगह में ज्यादा उत्पादन की विधि

किसानों को विशेष रूप से बायोफ्लॉक तकनीक के बारे में जानकारी दी गई, जिससे कम जगह में अधिक मछली पालन किया जा सकता है। इस विधि को अपनाने से मछली पालकों को लागत में कमी और उत्पादन में वृद्धि दोनों का लाभ मिल सकता है।

किसानों ने जताई नई संभावनाओं की उम्मीद

प्रशिक्षण के बाद किसान उत्साहित नजर आए। सीवान से आए किसान गुड्डू राम ने कहा, “यहां आकर हमने मछली पालन की नई तकनीकों को सीखा। अब हम अपने गांव में इन तरीकों को अपनाकर बेहतर उत्पादन करने की कोशिश करेंगे।”

इस अवसर पर संकेत कुमार सिंह, गोलू कुमार, मनोज कुमार, निलेश कुमार, अमर कुमार राम, सुजीत कुमार, उमेश तिवारी, जयराम राम और कमलेश कुमार समेत बड़ी संख्या में मत्स्य पालक मौजूद थे।

क्या बिहार के किसान नीली क्रांति के जरिए देश की मत्स्य पालन उद्योग में नई पहचान बना पाएंगे? समय ही इसका जवाब देगा, लेकिन इस तरह के प्रशिक्षण उन्हें सही दिशा जरूर दे रहे हैं।


सिलाव में शिक्षक अधिगम सामग्री मेला: एक नई उम्मीद और शिक्षकों का उत्साह!

क्या आप जानते हैं कि एक शिक्षण मेला कैसे शिक्षकों की शिक्षा में क्रांति ला सकता है? गुरुवार को सिलाव प्रखंड के रासबिहारी प्लस टू उच्च विद्यालय में आयोजित शिक्षक अधिगम सामग्री मेले में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। यहां शिक्षक अपनी कड़ी मेहनत और रचनात्मकता से तैयार किए गए मॉडल्स को प्रदर्शित करने के लिए एकजुट हुए। इस अवसर पर न केवल शिक्षकों के काम की सराहना की गई, बल्कि उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कार भी दिए गए।

कार्यक्रम का उद्घाटन: शिक्षा में सुधार की ओर कदम बढ़ाते हुए

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मो. शाहनवाज, विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक शैलेंद्र प्रसाद और संकुल समन्वयक श्याम किशोर प्रसाद ने संयुक्त रूप से रिबन काटकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। मो. शाहनवाज ने इस मौके पर कहा, “यह कार्यक्रम न केवल शिक्षकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि यह उनके कार्य में सुधार और कुशलता लाने का भी एक बेहतरीन प्रयास है।” उन्होंने बताया कि ऐसे आयोजनों से शिक्षकों की क्रिएटिविटी और ज्ञान में वृद्धि होती है, जो अंततः बच्चों के अधिगम में भी मदद करता है।

मॉडल्स का निरीक्षण और पुरस्कार वितरण

इस दौरान विभिन्न विद्यालयों द्वारा तैयार किए गए शिक्षण मॉडल्स का निरीक्षण किया गया। हर मॉडल में शिक्षकों की मेहनत और नवाचार को बखूबी दिखाया गया था। बच्चों के लिए शिक्षण सामग्री, विज्ञान प्रयोग, गणित के अद्भुत तरीके और भाषा कौशल को बेहतर बनाने वाले कई मॉडल्स ने सभी को आकर्षित किया।

पुरस्कार वितरण के दौरान आदर्श मध्य विद्यालय नालंदा को प्रथम स्थान, नवसृजित प्राथमिक स्कूल मुजफ्फरपुर को द्वितीय, लक्ष्मीपुर को तृतीय, दामन खंधा को चतुर्थ, कपटीया को पंचम, सारीलचक को छठा और बड़गांव को सप्तम स्थान प्रदान किया गया। इन विद्यालयों के शिक्षकों ने अपनी मेहनत और समर्पण से यह पुरस्कार हासिल किए।

शिक्षकों के लिए एक नया अवसर

यह मेला केवल पुरस्कारों तक सीमित नहीं था, बल्कि यह एक ऐसा मंच था जहां शिक्षकों को अपनी रचनात्मकता और अध्यापन विधियों को साझा करने का अवसर मिला। इस अवसर पर मुकेश चंद पांडे, रंजन कुमार, दीपक कुमार, दीपू कुमार, रविंद्र कुमार, धर्मेंद्र कुमार, उपेंद्र मिस्त्री सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे, जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

क्या इस तरह के मेलों से शिक्षक और छात्रों के बीच की खाई को कम किया जा सकता है? यह सवाल कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार करने का समय है। यह आयोजन निश्चित रूप से बिहार के शिक्षा क्षेत्र में बदलाव की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाता हुआ दिखाई दे रहा है, और शिक्षकों के लिए एक नई राह भी खोलता है।

सिलाव में शिक्षक अधिगम सामग्री मेला

थरथरी पीएचसी में शहीद दिवस पर कुष्ठ उन्मूलन की शपथ: एक नई शुरुआत!

क्या आप जानते हैं कि कुष्ठ रोग अब पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है? अगर नहीं, तो थरथरी में हुए शहीद दिवस के विशेष शपथ ग्रहण समारोह में यही संदेश दिया गया। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि और शहीद दिवस के मौके पर थरथरी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में कुष्ठ उन्मूलन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। इस आयोजन ने न केवल कुष्ठ रोग के प्रति समाज की धारणा को बदलने का प्रयास किया, बल्कि इस रोग से पीड़ित लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए एक ठोस शपथ भी ली गई।

शपथ ग्रहण समारोह: एक नया संकल्प और बदलाव की शुरुआत

थरथरी पीएचसी में इस विशेष दिन को यादगार बनाने के लिए एक शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। अस्पताल के कर्मियों ने एकजुट होकर कुष्ठ रोग उन्मूलन के लिए संकल्प लिया। इस समारोह की शुरुआत डॉ. रवि रंजन ने की, जिन्होंने मंच से सम्बोधित करते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य है कि थरथरी को कुष्ठ रोग मुक्त बनाया जाए। कुष्ठ रोग न केवल इलाज योग्य है, बल्कि इसे ठीक करने के लिए हमारे पास सभी संसाधन भी उपलब्ध हैं।”

डॉ. रंजन ने यह भी बताया कि कुष्ठ रोग की पहचान सरल है और यदि समय रहते इलाज किया जाए, तो मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो सकता है। उन्होंने शपथ दिलाई कि पीएचसी के सभी कर्मचारी इस अभियान में शामिल होंगे और कुष्ठ रोगियों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करेंगे।

कुष्ठ उन्मूलन के प्रति जागरूकता और कदम

इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा यह था कि सभी अस्पताल कर्मियों ने यह प्रतिज्ञा ली कि वे कुष्ठ रोगियों के साथ भेदभाव नहीं करेंगे और न ही दूसरों को ऐसा करने देंगे। उनके इस संकल्प का उद्देश्य यह था कि कुष्ठ रोगियों को समाज में समान दर्जा मिले और वे भी बिना किसी डर और भेदभाव के समाज में इज्जत के साथ रह सकें।

यह अभियान 30 जनवरी से लेकर 13 फरवरी तक चलेगा और इसके दौरान समाज में कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कई गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। साथ ही, कुष्ठ प्रभावित व्यक्तियों को इलाज के लिए सही मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा।

स्वास्थ्यकर्मियों का समर्थन और उत्साह

इस मौके पर गंगासागर, चंद्रकांत कुमार सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी भी उपस्थित थे। सभी ने इस अभियान को सफलता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और इसमें सक्रिय रूप से भाग लेने की इच्छा जताई। उन्होंने यह भी कहा कि यह अभियान न केवल कुष्ठ रोग के उन्मूलन के लिए है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने का भी प्रयास है।

क्या आप इस बदलाव का हिस्सा बनना चाहेंगे? यह सवाल विचारणीय है, क्योंकि कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इसे उन्मूलित करने की दिशा में एक सशक्त कदम उठाना हम सभी की जिम्मेदारी है। थरथरी पीएचसी का यह कदम निश्चित ही समाज में कुष्ठ रोगियों के प्रति भेदभाव को खत्म करने और उन्हें समान अधिकार देने में एक नया मोड़


पैक्स चुनाव में नए चेहरों का दबदबा, मुरौरा में सतीश कुमार ने रचा इतिहास!

बिहारशरीफ में हाल ही में हुए पैक्स चुनाव ने जिले की राजनीतिक पिच पर नए चेहरे को मजबूती से स्थापित किया है। 12 पैक्सों के चुनाव में एक से बढ़कर एक रोमांचक मुकाबले देखने को मिले, जहां कुछ पुराने चेहरों को चुनौती दी और अधिकांश जगहों पर नए उम्मीदवारों ने जनादेश प्राप्त किया। इस चुनाव ने यह साबित कर दिया कि बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में बदलाव की लहर चल पड़ी है। खासकर मुरौरा के पैक्स चुनाव ने एक नए इतिहास को जन्म दिया, जहां सतीश कुमार ने न सिर्फ जीत हासिल की, बल्कि एक नया कीर्तिमान भी रचा।

मुरौरा में सतीश कुमार

नए चेहरों की चमक: चुनाव की सच्ची तस्वीर

सदर प्रखंड के तीन पैक्सों में से दो पर नए उम्मीदवारों ने जीत का झंडा फहराया, जबकि एक स्थान पर पुराने उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। यह बदलाव न सिर्फ उम्मीदवारों के लिए बल्कि पूरे प्रखंड की राजनीति के लिए एक नई दिशा की ओर इशारा कर रहा है।

राणाबिगहा पैक्स में विनोद कुमार ने अपने प्रतिद्वंद्वी रणवीर कुमार सिन्हा को हराकर चुनाव जीतने का परचम लहराया। वहीं, वियाबानी पैक्स में जयराम कुमार ने विनोद कुमार को हराकर अपनी जीत सुनिश्चित की। ये जीत इस बात का संकेत देती है कि ग्रामीण राजनीति में अब बदलाव की हवा चल पड़ी है और आम जनता नए नेतृत्व को पसंद कर रही है।

मुरौरा में सतीश कुमार ने रचा इतिहास

लेकिन सबसे बड़ा आकर्षण मुरौरा पैक्स था, जहां सतीश कुमार ने लगातार चौथी बार जीत दर्ज कर न केवल अपनी जीत का परचम लहराया, बल्कि एक नया रिकॉर्ड भी कायम किया। इस बार उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी रवींद्र कुमार को 520 मतों से हराया। रवींद्र कुमार को 385 मत मिले, जबकि सतीश कुमार की जीत ने मुरौरा के मतदाताओं के दिलों में विश्वास और विकास की नई उम्मीदें जगा दी।

सतीश कुमार की यह ऐतिहासिक जीत ने मुरौरा प्रखंड में बदलाव की लहर को और भी मजबूती दी है। उनके विजयी होने के साथ-साथ मुरौरा प्रबंध कार्यकारिणी में भी एक नई टीम का गठन हुआ, जिसमें प्रदीप कुमार, विनोद कुमार, बबलू कुमार, ब्यूटी कुमारी, मेनका कुमारी, सोनी कुमारी, शशिचंद्र कुमार, कौशल कुमार, पूजा कुमारी, प्रदीप पासवान, संगीता कुमारी जैसे नए चेहरे शामिल हुए हैं।

अन्य महत्वपूर्ण चुनाव परिणाम

इस चुनाव में कई अन्य दिलचस्प नतीजे भी सामने आए। हरनौत के बस्ती पैक्स से दिलीप कुमार ने अपनी जीत दर्ज की, जहां उनके प्रतिद्वंदी अरविंद कुमार को 115 वोट मिले। नेहुसा पैक्स में विपिन कुमार ने 140 वोटों के अंतर से जीत हासिल की, जबकि गिरियक के पुरैनी पैक्स में कौशल कुमार ने अपने मामा और निवर्तमान अध्यक्ष अरविंद कुमार को 56 वोटों से हराया। यह जीत उस परिवारिक राजनीति के खिलाफ एक मजबूत संदेश देती है, जहां परंपरागत उम्मीदवारों को कड़ी चुनौती दी गई।

विजेताओं की प्रतिक्रिया: नई पहल और विकास का संकल्प

चुनाव जीतने के बाद विजयी प्रत्याशियों ने इसे पैक्स के विकास और पारदर्शिता की दिशा में एक नई पहल करार दिया। सतीश कुमार ने कहा, “यह जीत केवल मेरी नहीं, बल्कि पूरे मुरौरा के लोगों की जीत है। हम सब मिलकर विकास के नए रास्ते पर आगे बढ़ेंगे।” वहीं, अन्य विजेताओं ने भी अपनी जीत को समाज सेवा और गांव के विकास से जोड़ते हुए इसे आने वाले दिनों में बेहतर कार्यों के लिए एक प्रेरणा बताया।

इस चुनाव ने यह साबित कर दिया कि बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में एक नई राजनीतिक सोच और नेतृत्व की जरूरत है, जो सिर्फ वोट की राजनीति से हटकर वास्तविक बदलाव की दिशा में काम करें। यह बदलाव आने वाले समय में और भी व्यापक हो सकता है, क्योंकि अब तक के नतीजे इस ओर इशारा कर रहे हैं कि जनता अब नए चेहरों को प्राथमिकता दे रही है।


थरथरी थाना में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि और शहीद दिवस पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि, देशभक्ति की भावना से भरपूर कार्यक्रम

थरथरी, बिहार – गुरुवार को थरथरी थाना में एक विशेष और भावुक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें महात्मा गांधी की पुण्यतिथि और शहीद दिवस के अवसर पर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यह दिन देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले वीरों की याद में मनाया जाता है, और इस अवसर पर थरथरी थाना ने एक अनुशासित और भावुक कार्यक्रम का आयोजन किया, जो न केवल शहीदों के बलिदान को सम्मानित करने का एक जरिया था, बल्कि युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के संघर्ष और बलिदान के प्रति प्रेरित भी किया।

tharthari police station

मौन श्रद्धांजलि और देशभक्ति का संदेश

सुबह 11 बजे, थरथरी थाना के प्रांगण में पूरे पुलिस दल और कर्मचारियों ने दो मिनट का मौन धारण किया, ताकि वे महात्मा गांधी और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को सम्मानित कर सकें। मौन धारण करते समय शहीदों के संघर्ष और बलिदान की गूंज सभी के दिलों में महसूस हो रही थी, और एक गहरी श्रद्धा भावनाओं से वातावरण गूंज उठा।

थानाध्यक्ष उमाशंकर मिश्रा के नेतृत्व में थाना अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने इस भावुक पल का हिस्सा बनते हुए स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर प्रभात कुमार (सअनि), लाल बाबू प्रसाद (सअनि), रंजीत कुमार (पुअनि), और अवधेश राम (पुअनि) जैसे वरिष्ठ पुलिसकर्मी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान, उन महान सेनानियों की वीरता और बलिदान को याद किया गया, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमारे देश को स्वतंत्रता दिलवाने का कार्य किया।

देशवासियों को शहीदों के संघर्ष की याद दिलाने का प्रयास

थरथरी थाना के इस आयोजन ने स्थानीय लोगों को स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की याद दिलाने और उनके बलिदान को महिमामंडित करने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान किया। पुलिस विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम ने देशवासियों को यह समझने का अवसर दिया कि हमारे शहीदों ने कितनी कठिनाइयाँ सहते हुए अपने प्राणों की आहुति दी, ताकि हम आज़ाद भारत में सांस ले सकें।

थानाध्यक्ष उमाशंकर मिश्रा ने कहा, “हमारे शहीदों का बलिदान हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल उनके बलिदान को याद करना नहीं, बल्कि युवा पीढ़ी को यह एहसास दिलाना है कि हमें अपने देश की स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए।”

एकजुट होकर संकल्पित भारत की ओर कदम बढ़ाएं

इस कार्यक्रम ने न केवल पुलिसकर्मियों को अपने कर्तव्यों का अहसास दिलाया, बल्कि यह स्थानीय समुदाय के लिए भी एक यादगार पल था। यह दिन उन्हें शहीदों की महानता और उनके संघर्ष की अनगिनत कहानियों को समझने का एक अवसर प्रदान करता है। थरथरी थाना के इस आयोजन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि शहीदों का बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाएगा और उनकी वीरता हम सबको एकजुट कर हमारे देश की तरक्की के लिए प्रेरित करती रहेगी।

कार्यक्रम के अंत में सभी ने संकल्प लिया कि वे अपने कर्तव्यों में और देश की सेवा में कभी कमी नहीं आने देंगे, और भारत की आज़ादी की रक्षा के लिए हमेशा सजग और जागरूक रहेंगे।


गणतंत्र दिवस पर हर्ष फायरिंग के बाद हंगामा, दो निजी गार्ड गिरफ्तार, अवैध हथियार बरामद

बिहारशरीफ। गणतंत्र दिवस के मौके पर बिहारशरीफ के लहेरी थाना क्षेत्र में एक असामान्य घटना ने पुलिस और स्थानीय समुदाय को चौंका दिया। 26 जनवरी 2025 को रांची रोड स्थित प्रसिद्ध मुन्ना लाल, महेश लाल आर्य एंड सन्स ज्वेलर्स के स्वामी द्वारा आयोजित झंडोत्तोलन कार्यक्रम के दौरान, उनके दो निजी गार्डों ने अचानक हर्ष फायरिंग शुरू कर दी, जिससे न केवल आस-पास के लोग डर गए, बल्कि इलाके में खलबली मच गई। यह घटनाक्रम कैमरे में कैद हो गया और बाद में पुलिस के हाथों में पहुंचा, जिससे पूरी स्थिति का खुलासा हुआ।

वायरल वीडियो ने किया हंगामा

यह घटना उस समय सामने आई जब 29 जनवरी की रात लगभग 9:45 बजे लहेरी थाना के सरकारी मोबाइल पर एक वीडियो प्राप्त हुआ, जिसमें साफ तौर पर झंडोत्तोलन के दौरान दोनों गार्डों द्वारा हर्ष फायरिंग करते हुए देखा जा सकता था। वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस विभाग ने तुरंत संज्ञान लिया और इस पर त्वरित कार्रवाई शुरू की।

देर न करते हुए पुलिस ने की गिरफ्तारी

वीडियो के आधार पर लहेरी थाना में कांड संख्या-53/25 दर्ज किया गया, और पुलिस ने आर्म्स एक्ट की धारा 25(9) के तहत मामला दर्ज कर लिया। अनुसंधानकर्ता पु०अ०नि० सर्वेश कुमार की अगुवाई में पुलिस टीम ने बिना देर किए दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी की। दोनों गार्डों को झील के किनारे स्थित मुन्ना लाल ज्वेलर्स दुकान से पकड़ा गया। गिरफ्तार आरोपियों के पास से दो एकनाली बंदूकें और 16 जिंदा कारतूस बरामद हुए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि उनके पास अवैध हथियार थे।

अवैध हथियारों का लाइसेंस संदिग्ध

प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि जिन हथियारों को गिरफ्तार आरोपियों ने अपने पास रखा था, उनके लाइसेंस अवैध प्रतीत हो रहे थे। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या इन हथियारों का इस्तेमाल अन्य अपराधों में भी किया गया है या फिर इनकी खरीद-फरोख्त अवैध तरीके से हुई थी।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान पिंदु कुमार (38 वर्ष) और धर्मेंद्र सिंह (48 वर्ष) के रूप में की गई है। पिंदु कुमार का पिता हर्ष राज कुंवर था, जबकि धर्मेंद्र सिंह का पिता स्व. मैनेजर सिंह था। दोनों आरोपी नथमलपुर, थाना बरारा, जिला आरा के निवासी हैं। पुलिस अब इन आरोपियों के आपराधिक इतिहास की भी जांच कर रही है, ताकि यह पता चल सके कि वे पहले भी किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल रहे हैं या नहीं।

पुलिस टीम की कार्रवाई

गिरफ्तारी के बाद, थानाध्यक्ष रणजीत कुमार रजक, पु०अ०नि० सर्वेश कुमार, स०अ०नि० सरोज कुमार राय, सिपाही संदीपक कुमार, और सिपाही पिटु कुमार की छापेमारी टीम ने मामले की जांच को आगे बढ़ाया और यह सुनिश्चित किया कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। पुलिस विभाग की तत्परता और तत्क्षण प्रतिक्रिया ने इस घटना को शीघ्र सुलझा लिया, जिससे स्थानीय समुदाय में कानून-व्यवस्था की स्थिति में विश्वास बढ़ा।

स्थानीय समुदाय में खौफ और आशंका

इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचाया और स्थानीय लोगों के बीच भय और चिंता का माहौल बना दिया। लोग यह समझने के लिए उत्सुक थे कि आखिरकार ऐसे अवैध हथियारों का उपयोग किस उद्देश्य के लिए किया जा रहा था। साथ ही, इस घटना ने यह भी उजागर किया कि समाज में हर्ष फायरिंग जैसी घटनाओं पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है, ताकि ऐसी खतरनाक घटनाएँ फिर से न घटें।

पुलिस अब इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है और आरोपियों से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इनके पास अवैध हथियारों का स्रोत क्या था और वे इनका उपयोग किस उद्देश्य से कर रहे थे। इस बीच, लोगों में यह उम्मीद जगी है कि पुलिस जल्द ही इस मामले की तह तक पहुंचेगी और दोषियों को कठोर सजा दिलवाएगी।


लोहरमचक गांव में श्री प्रतिष्ठात्मक शतचंडी महायज्ञ और श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन, श्रद्धालुओं ने मिलकर मनाया धार्मिक उत्सव

रहुई, बिहार। रहुई प्रखंड के मई फरीदा पंचायत अंतर्गत लोहरमचक गांव में इस बार एक बेहद ही पवित्र और भव्य धार्मिक आयोजन हुआ, जिसे लेकर पूरे गांव और आसपास के क्षेत्र में श्रद्धा और उल्लास का माहौल था। यहाँ श्री प्रतिष्ठात्मक शतचंडी महायज्ञ और सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया, जिसे धार्मिक आस्था और भक्ति का एक अद्भुत संगम माना जा रहा है। इस आयोजन की शुरुआत ने पूरे क्षेत्र को एक नई ऊर्जा से भर दिया, खासकर भव्य कलश शोभायात्रा से, जिसमें 251 कुमारी कन्याओं और महिलाओं ने भाग लिया, और इस यात्रा का रंग और भी अधिक भव्य हो गया।

श्री प्रतिष्ठात्मक शतचंडी महायज्ञ और सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा एवं रासलीला

भव्य कलश शोभायात्रा ने लिया शुभारंभ

कलश यात्रा ने गोनवां रोड स्थित प्रसिद्ध हनुमान मंदिर से अपनी शुरुआत की। वहां से श्रद्धालु एक साथ बढ़ते हुए बोधनगर बाजार, निजाय रोड और अब्दुलहीचक होते हुए लोहरमचक गांव के देवी स्थान तक पहुंचे। पूरे रास्ते श्रद्धालु जय माता दी के उद्घोष के साथ चलते गए, और यह सफर एक दिव्य अनुभव में बदल गया। महिलाएं और कन्याएं सज-धजकर कलशों को अपने सिर पर रखकर इस यात्रा में शामिल हुईं। हर कदम पर भक्ति गीत गाए जा रहे थे, और माहौल को एक अद्भुत श्रद्धा और समर्पण ने लिपटा दिया था।

नए देवी मंदिर के निर्माण के लिए आयोजित आयोजन

आयोजन समिति के संयोजक पियूष कुमार ने इस महायज्ञ और भागवत कथा के आयोजन का मुख्य उद्देश्य बताया कि इसे नए देवी मंदिर के निर्माण के लिए आयोजित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन के माध्यम से न केवल धार्मिक अनुष्ठान की पूर्णता की जा रही है, बल्कि गांव के लोगों के बीच धार्मिक एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने का भी प्रयास किया जा रहा है। साथ ही, यह आयोजन पूरे क्षेत्र में एकता, सुख-शांति, और समृद्धि का संदेश देने का प्रयास कर रहा है।

धार्मिक प्रवचनों ने भक्ति का माहौल बनाया खास

आयोजन के सात दिनों तक चलने वाले श्रीमद्भागवत कथा ने श्रद्धालुओं को एक आध्यात्मिक यात्रा पर ले जाकर उनके जीवन में शांति और भक्ति का संचार किया। भागवत कथा के प्रवचन सुनने के लिए न केवल लोहरमचक गांव, बल्कि आसपास के कई गांवों से भी श्रद्धालु आए। कथा के दौरान संतों और उपदेशकों ने भगवान श्री कृष्ण के जीवन के आदर्शों और उनके उपदेशों पर प्रकाश डाला, जिसे सुनकर सभी श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे।

संगीत और भक्ति की धारा में रासलीला का उत्सव

कथा के साथ-साथ रासलीला का आयोजन भी हुआ, जो हर दिन एक विशेष आकर्षण का केंद्र बना। इस रासलीला में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं ने अपनी भक्ति को नृत्य और गीतों के माध्यम से व्यक्त किया। पूरे गांव में डीजे साउंड की धुन पर भक्ति गीत गूंजते रहे और लोग एक साथ नाचते-गाते हुए भगवान श्री कृष्ण की महिमा का गुणगान करते रहे। वातावरण में प्रेम और भाईचारे की भावना गहरी हो गई, और यह आयोजन किसी भव्य उत्सव से कम नहीं था।

सैकड़ों श्रद्धालुओं का मिला साथ

आयोजन में शशि रंजन, सुरेश, मिथिलेश प्रसाद, आशुतोष, रामबलि, कौशल्या देवी, ममता कुमारी, बबनी देवी, रेखा देवी जैसे सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। इन सभी ने आयोजन की सफलता में अपना योगदान दिया और इस धार्मिक अनुष्ठान को अपनी श्रद्धा से और भी पवित्र बना दिया। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि एक समुदाय के रूप में एकजुटता और प्रेम का भी प्रतीक बन गया।

लोहरमचक गांव में हुआ यह आयोजन न केवल गांव के निवासियों के लिए एक पवित्र और दिव्य अनुभव था, बल्कि यह आस-पास के अन्य गांवों के लोगों के लिए भी एक प्रेरणा बनकर सामने आया। यह आयोजन इस क्षेत्र में धार्मिक और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने का संदेश देता है, जिससे आगे भी इस प्रकार के आयोजन और बढ़ेंगे।


इस्लामपुर विधायक राकेश कुमार रौशन ने चार ग्रामीण सड़कों के निर्माण कार्य का किया शिलान्यास, ग्रामीणों में खुशी का माहौल

इस्लामपुर, बिहार। गुरुवार को इस्लामपुर विधायक राकेश कुमार रौशन ने अपने प्रखंड क्षेत्र में लगभग ₹4.5 करोड़ की लागत से बनने वाली चार प्रमुख ग्रामीण सड़कों के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। यह कदम ना केवल क्षेत्र के विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होने वाला है, बल्कि इससे उन गांवों के लिए एक नई राह भी खुलेगी, जिनका आज तक संपर्क पक्की सड़कों से नहीं हो पाया था। इस शिलान्यास के साथ विधायक ने विकास कार्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी साफ तौर पर सामने रखा।

ISLAMPUR MLA

“विकास के रास्ते में राजनीति की रुकावटें”

इस शिलान्यास समारोह के दौरान विधायक राकेश कुमार रौशन ने कहा, “आजादी के बाद भी इस क्षेत्र के कुछ गांव आज तक पक्की सड़कों से वंचित थे। हमने पहले भी देखा कि जो विधायक और सांसद यहां से चुने गए थे, उन्होंने वोट की राजनीति में सड़कों जैसे बुनियादी मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया।” उन्होंने यह भी बताया कि अनेक अड़चनों और बाधाओं के बावजूद, आज यह सड़कों का निर्माण कार्य शुरू हो रहा है, और यह क्षेत्रवासियों के लिए एक बड़ा तोहफा है।

विधायक ने यह भी कहा, “यह परियोजना हमारी सरकार की मुख्यमंत्री ग्राम सड़क संपर्क योजना का हिस्सा है, जिसे लागू करने के लिए हमें कई स्तरों पर संघर्ष करना पड़ा, लेकिन आखिरकार यह दिन आया है। अब इन सड़कों के निर्माण के बाद क्षेत्रवासियों को बेहतर यातायात सुविधा मिलेगी।”

चार प्रमुख सड़कों का शिलान्यास

विधायक रौशन ने इस अवसर पर चार प्रमुख सड़कों के निर्माण कार्य की शुरुआत की, जो क्षेत्र के ग्रामीणों की जीवनशैली में बदलाव लाएंगी। इन सड़कों के निर्माण से इन गांवों को राज्य और राष्ट्रीय सड़क नेटवर्क से जोड़ने में मदद मिलेगी।

  • ₹2.45 करोड़ की लागत से महरोगोरैया कैनाल रोड से भटवाबाग गांव तक सड़क का निर्माण।
  • ₹62 लाख की लागत से गणेशी बिगहा पीएमजीएसवाई रोड से दीना बिगहा गांव तक सड़क का निर्माण।
  • ₹1.32 करोड़ की लागत से शोभा बिगहा-सोहजना पथ से रघुनाथपुर (मिडिल स्कूल) तक सड़क का निर्माण।
  • ₹1.43 करोड़ की लागत से परसुराय-घनी बिगहा-बबुरियामठ गांव तक सड़क का निर्माण।

इन सड़कों के शिलान्यास से ग्रामीणों में उम्मीदों और खुशियों का माहौल बना हुआ है। लोग इस अवसर को अपनी जिंदगी में एक नए बदलाव के रूप में देख रहे हैं।

ग्रामीणों का उत्साह और समर्थन

इस अवसर पर उपस्थित गांव के लोग और स्थानीय नेता भी इस शिलान्यास से बेहद खुश और उत्साहित दिखे। पूर्व जिला परिषद सदस्य मिथिलेश यादव, इचहोस पंचायत के मुखिया युगेश्वर सिंह, अनिल सिंह, इमरान जमील, रंजीत यादव, अरविंद सिंह, कॉमरेड सुखसागर सहित सैकड़ों लोग इस कार्यक्रम में उपस्थित थे और उन्होंने विधायक राकेश कुमार रौशन के इस कदम की सराहना की।

स्थानीय निवासी अब यह महसूस कर रहे हैं कि इन सड़कों के निर्माण से न केवल उनकी यात्रा सुगम होगी, बल्कि यह उनके सामाजिक और आर्थिक जीवन को भी सुधारने का एक नया अवसर प्रदान करेगा। ग्रामीणों का मानना है कि पक्की सड़कें उनके व्यापार और शिक्षा के लिए भी रास्ते खोलेगी, जिससे विकास की नई दिशा मिलेगी।

विकास की दिशा में एक नया कदम

इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि विकास केवल चुनावी वादों से नहीं, बल्कि ठोस और प्रभावी योजनाओं से आता है। विधायक राकेश कुमार रौशन का यह कदम न केवल एक नई उम्मीद की किरण है, बल्कि इस क्षेत्र के लोगों को यह विश्वास दिलाता है कि सही नेतृत्व और इच्छाशक्ति से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।

यह शिलान्यास समारोह उस बदलाव का प्रतीक है जो अब इस क्षेत्र में जल्द ही देखने को मिलेगा।


नेहुसा पैक्स अध्यक्ष ने जीत का श्रेय पंचायत की मुखिया को दिया

हरनौत (नालंदा), 26 जनवरी 2025। नेहुसा पैक्स से वीपीन सिंह ने पैक्स अध्यक्ष के पद पर अपनी पहली बार जीत दर्ज की है, और उनकी इस सफलता ने गांव के विकास के प्रति लोगों की उम्मीदों को एक नया मोड़ दिया है। गुरुवार को इस ऐतिहासिक जीत के बाद, बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। नवनिर्वाचित पैक्स अध्यक्ष को गांव के लोग और पंचायत के अधिकारी सम्मानित करने के लिए आगे आए, और उनका स्वागत विशेष रूप से भव्य तरीके से किया गया।

 वीपीन सिंह

मुखिया का योगदान विशेष

जैसे ही वीपीन सिंह ने पैक्स अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली, उन्होंने अपनी जीत का पूरा श्रेय पंचायत की मुखिया मंजुषा कुमारी को दिया। “यह मेरी व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि यह हमारे क्षेत्र की मुखिया मंजुषा कुमारी की मेहनत और नेतृत्व का परिणाम है,” वीपीन ने खुशी से कहा। उनके अनुसार, मुखिया के अथक प्रयासों और विकास कार्यों की वजह से ही उन्हें यह सम्मानजनक पद प्राप्त हुआ है।

यह शब्द उनके आभार और सामूहिक प्रयासों की गवाही देते हैं, जिससे यह साफ हो जाता है कि क्षेत्र की समृद्धि के लिए सामूहिक नेतृत्व और सहयोग कितना महत्वपूर्ण है। वीपीन सिंह ने कहा कि वे अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाएंगे और क्षेत्र के विकास के लिए काम करेंगे।

समारोह में शामिल हुए लोग

नवनिर्वाचित पैक्स अध्यक्ष के स्वागत के लिए नेहुसा पंचायत की मुखिया मंजुषा कुमारी, सरपंच प्रेम राज, और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। इस समारोह में ओंकार कुमार सिंह, सोनू, और गांव के अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे। समारोह में सभी ने एकजुट होकर नए अध्यक्ष को शुभकामनाएं दीं और उनके नेतृत्व में क्षेत्र के विकास की उम्मीद जताई।

सामूहिक प्रयासों का महत्व

इस समारोह से यह स्पष्ट हुआ कि स्थानीय नेताओं का सहयोग और उनकी एकजुटता ही क्षेत्र के लिए सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है। यह जीत न केवल वीपीन सिंह के लिए एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह एक उदाहरण भी प्रस्तुत करती है कि जब समुदाय एकजुट होता है, तो कोई भी बाधा उसे रोक नहीं सकती।

नेहुसा क्षेत्र में अब एक नया अध्याय शुरू होने वाला है, और इस जीत के बाद यहां के लोग पूरी उम्मीद के साथ आगे बढ़ने का रास्ता देख रहे हैं। वीपीन सिंह के नेतृत्व में क्षेत्र के विकास की दिशा में नई पहल होगी, और उनकी प्राथमिकता गांवों में रोजगार, बुनियादी सुविधाएं, और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने की होगी।


जदयू के सहयोगी के मां के श्राद्धकर्म में सांसद कौशलेंद्र कुमार ने दी श्रद्धांजलि

हरनौत (नालंदा), 26 जनवरी 2025। नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार ने गुरुवार को स्थानीय प्रखंड के मुढारी गांव में आयोजित एक शोक समारोह में भाग लिया। यह आयोजन जदयू के सहयोगी और स्थानीय नेता नीतीश कुमार (नंदू जी) के मां के श्राद्धकर्म के अवसर पर हुआ, जिसमें सांसद ने श्रद्धांजलि अर्पित कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

शोक समारोह में शिरकत

इस दौरान, सांसद ने जदयू के कार्यकर्ताओं और स्थानीय निवासियों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी और शोकाकुल परिवार के साथ गहरी संवेदनाएं साझा की। सांसद कौशलेंद्र कुमार ने परिवार के सदस्यों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनकी कुशलक्षेम पूछा और दुख की इस घड़ी में उनका हौंसला बढ़ाया। उनके साथ जदयू प्रखंड अध्यक्ष रविकांत कुमार और अन्य नेता भी उपस्थित थे, जिन्होंने मृतका की आत्मा की शांति के लिए सामूहिक रूप से प्रार्थना की।

सांसद ने इस अवसर पर कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की और उन्हें दुख की घड़ी में संजीदगी और समर्थन देने की बात की। सांसद का कहना था कि ऐसे कठिन समय में हमें एकजुट होकर दुखी परिवार को सहारा देना चाहिए और उनके दुख को अपना समझना चाहिए।

समाज की एकता और संवेदनशीलता की प्रतीक

इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि राजनीति से ऊपर इंसानियत और संवेदनशीलता की अहमियत है। सांसद और जदयू के नेताओं ने इस शोक समारोह में भाग लेकर एक संदेश दिया कि समाज में भावनाओं और रिश्तों की अहमियत राजनीति से कहीं अधिक है। यह भी दर्शाता है कि हर राजनीतिक दल के कार्यकर्ता और नेता अपने समुदाय के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से जुड़े होते हैं।

इस शोक समारोह में गांव के तमाम लोग और जदयू कार्यकर्ता एकजुट होकर अपने नेता की माता के लिए प्रार्थना करते दिखे। इस मौके पर सामूहिक रूप से पूजा अर्चना और तर्पण की रस्में भी पूरी की गईं, जिससे यह आयोजन धार्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक बन गया।

सांसद कौशलेंद्र कुमार की उपस्थिति ने इस समारोह को और भी गरिमा दी, और उनके शब्दों ने शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने का काम किया। गांववासियों का मानना है कि इस तरह के आयोजनों से समाज में एकजुटता और सहयोग की भावना को बढ़ावा मिलता है।

koshlendra kumar

चार संकुलों पर आयोजित हुए टीएलएम मेले, सरथा में बीईओ ने की शिरकत

हरनौत (नालंदा), 26 जनवरी 2025। स्थानीय प्रखंड के सरथा, सोराडीह, पाकड़ और खरथुआ संकुल संसाधन केंद्र पर गुरुवार को टीएलएम (टीचिंग लर्निंग मटीरियल) मेले का आयोजन किया गया। इन चारों सीआरसी के पोषक क्षेत्रों के सभी विद्यालयों से तीन-तीन छात्र और नोडल शिक्षक अपने-अपने द्वारा बनाए गए टीएलएम के साथ मेले में भाग लेने पहुंचे और इसका प्रदर्शन किया।

टीएलएम मेले, सरथा में बीईओ

टीएलएम मेले का उद्घाटन और प्रदर्शन

प्रत्येक संकुल में छात्रों और शिक्षकों द्वारा तैयार किए गए टीएलएम का मूल्यांकन किया गया, और सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले मॉडल्स को चुना गया। बीईओ सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि हर संकुल में निर्णायक मंडल ने गहराई से समीक्षा की और बेहतर प्रदर्शन करने वाले टीएलएम का चयन किया। इन सभी चयनित टीएलएम के लिए संबंधित नोडल शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

संकुलवार चयन और पुरस्कार वितरण

  • सरथा संकुल केंद्र में कुल 11 विद्यालय शामिल हुए। यहां के विजेता विद्यालय थे:
    • चैनपुर उमावि (प्रथम)
    • मवि सरथा (द्वितीय)
    • मवि मुढारी (तृतीय)
  • सोराडीह संकुल केंद्र में टीएलएम मेले में विजेता विद्यालय थे:
    • प्रावि जगतपुर (प्रथम)
    • गोसाईमठ उत्क्रमित मध्य विद्यालय (द्वितीय)
    • मवि छिडडी (तृतीय)
  • पाकड़ संकुल केंद्र में विजेताओं के नाम थे:
    • पाकड़ मध्य विद्यालय (प्रथम)
    • उमवि ललुआडीह (द्वितीय)
    • मुस्तफापुर प्राथमिक विद्यालय (तृतीय)
  • खरथुआ संकुल केंद्र में निम्नलिखित विद्यालयों को पुरस्कार मिला:
    • तिस्कुरबा प्राथमिक विद्यालय (प्रथम)
    • खरथुआ मवि (द्वितीय)
    • प्रावि शाहपुर (तृतीय)

समारोह का उद्देश्य और लाभ

यह आयोजन न केवल विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच टीएलएम के महत्व को बढ़ावा देने के लिए था, बल्कि यह एक ऐसी पहल है जो बच्चों के शिक्षा और विकास में नया दृष्टिकोण लाने का कार्य करता है। बीईओ सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने इस कार्यक्रम को शिक्षा में गुणवत्ता और नवाचार के लिए महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इस तरह के आयोजनों से विद्यालयों में बच्चों के सीखने के तरीके को और भी बेहतर बनाया जा सकता है।

समारोह में उपस्थित अतिथि

इस कार्यक्रम में प्रधानाध्यापक उदय कुमार सिन्हा, समाजसेवी सुरेश सिंह, और अन्य स्थानीय गणमान्य लोग भी उपस्थित थे। इन सभी ने मेले में भाग लेने वाले सभी शिक्षकों और छात्रों की सराहना की और उनके प्रयासों को शुभकामनाएं दीं।

टीएलएम मेले का आयोजन बच्चों के शैक्षिक स्तर को बढ़ावा देने के साथ-साथ शिक्षकों को भी उनके प्रयासों के लिए प्रोत्साहित करने का बेहतरीन मौका था। इसने विद्यालयों में बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों को भी एक नई दिशा दी, और यह एक यादगार दिन बन गया।


बनौली गांव में नवनिर्मित शिव मंदिर में बसंत पंचमी को होगी शिव परिवार और हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा

बिहारशरीफ, 30 जनवरी 2025। राजगीर प्रखंड के बनौली गांव में एक ऐतिहासिक और भव्य धार्मिक आयोजन की शुरुआत आज से हो गई है। यहां नवनिर्मित शिव मंदिर में शिव परिवार और हनुमान जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा आगामी बसंत पंचमी के दिन होने जा रही है। इस धार्मिक आयोजन में विशेष रूप से वृंदावन के प्रसिद्ध कथा वाचक गौतम कश्यप जी महाराज श्रीमद्भागवत कथा का वाचन करेंगे, जबकि आचार्य मनोज पांडे वैदिक रीति से प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का संपादन करेंगे।

मंदिर निर्माण का इतिहास और आयोजन का महत्व

बनौली गांव में यह मंदिर वरिष्ठ वार्ड पार्षद महेंद्र प्रसाद यादव के मार्गदर्शन और प्रयासों से निर्मित हुआ है। इस मंदिर में शिव परिवार और हनुमान जी की प्रतिमाओं की स्थापना के साथ गांव के धार्मिक जीवन में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। इस मंदिर का उद्घाटन गांववासियों के लिए एक अभूतपूर्व अवसर है, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी अहम होगा। महेंद्र प्रसाद यादव ने इस पहल को गांव के लिए एक “धार्मिक धरोहर” बताते हुए कहा कि मंदिर के निर्माण से गांव में धार्मिक आयोजन और पूजा-पाठ का एक स्थायी केंद्र स्थापित होगा।

धार्मिक अनुष्ठान और कार्यक्रम की रूपरेखा

इस आयोजन की शुरुआत 30 जनवरी 2025 को एक भव्य कलश शोभायात्रा से हुई, जिसमें 551 महिलाओं ने कलश लेकर मंदिर की ओर यात्रा की। शोभायात्रा के बाद वरुण पूजा, पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश, और श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम की रूपरेखा इस प्रकार है:

  • 30 जनवरी: कलश यात्रा के बाद वरुण पूजा, पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश, और श्रीमद्भागवत कथा
  • 31 जनवरी: बेदी पूजन, जिलाअधिवास, रामायण पाठ एवं भागवत कथा
  • 1 फरवरी: अनादि दिवस, पुष्पा दिवस, गीता दिवस, पंचामृत दिवस, मिष्ठान दिवस, और भजन-कीर्तन।
  • 2 फरवरी: शिव परिवार और हनुमान जी की नगर परिक्रमा, राज्य दिवस एवं भागवत कथा
  • 3 फरवरी (बसंत पंचमी): प्राण प्रतिष्ठा, रुद्राभिषेक, हवन, पूर्णाहुति, कन्या-भोजन, और भंडारा

आयोजन में शामिल अतिथि और श्रद्धालु

इस भव्य आयोजन में ई. संतोष कुमार, सरपंच राजीव रंजन कुमार, वार्ड पार्षद कौशल प्रसाद, पिंकू कुमार, शैलेंद्र कुमार, राम लखन प्रसाद, वासो महतो, रविंद्र यादव, रामनरेश प्रसाद निराला, रामबली यादव, और गांव के सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होंगे। आयोजन के प्रमुख संरक्षक महेंद्र प्रसाद यादव ने कहा, “यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक रूप से भी गांव के लोगों के बीच एकता और भाईचारे का प्रतीक बनेगा।”

ग्रामवासियों ने इस आयोजन में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई है, और यह आयोजन पूरी तरह से गांववासियों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। इस दौरान श्रद्धालु मंदिर में आकर भक्ति भाव से पूजा अर्चना करेंगे और समृद्धि, शांति और सुख की कामना करेंगे।

बनौली गांव में हो रहे इस आयोजन से न केवल धार्मिक गतिविधियां बढ़ेंगी, बल्कि यह गांव के समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन का संकेत भी है। इस कार्यक्रम का हर पहलू गांववासियों के बीच आस्था और विश्वास को मजबूत करने के लिए डिजाइन किया गया है।


मोरा गांव की बहू सोनल रानी बनीं अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, प्रेरणा का नया अध्याय

बिहारशरीफ, 30 जनवरी 2025। राजगीर प्रखंड के मोरा गांव की बहू सोनल रानी ने एक नई मिसाल पेश की है, जब उन्होंने बिहार कृषि सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त कर अनुमंडल कृषि पदाधिकारी का पद हासिल किया। अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से सोनल ने न केवल अपने ससुराल और मायके का नाम रोशन किया, बल्कि पूरे क्षेत्र के ग्रामीण छात्रों के लिए एक प्रेरणा की मिसाल भी बनीं।

sonal rani

सोनल रानी के कृषि सेवा परीक्षा में आठवां रैंक प्राप्त करने का सफर आसान नहीं था। यह सफलता उनके अडिग आत्मविश्वास, कड़ी मेहनत और परिवार के सहयोग का परिणाम है। किसान परिवार की बेटी होने के बावजूद सोनल ने अपने लक्ष्य को लेकर कभी समझौता नहीं किया और शिक्षा को अपने जीवन की सबसे बड़ी प्राथमिकता बनाते हुए इस मुकाम तक पहुंचीं। इस सफलता ने यह सिद्ध कर दिया कि अगर मन में ठान लिया जाए तो किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है।

परिवार का समर्थन और उनकी मेहनत

सोनल रानी के पति अमितेष रंजन वर्तमान में झारखंड के साहेबगंज जिले में जिला कृषि पदाधिकारी के रूप में कार्यरत हैं, और उनकी सफलता में उनका समर्थन हमेशा मिला। उनके ससुर अनिल प्रसाद, जो एक सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं, और उनकी सास निर्मला सिन्हा, जो एक कुशल गृहिणी हैं, ने भी सोनल के सपनों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई। सोनल के पिता बालमुकुंद सिंह, जो भगवानपुर के रहने वाले एक किसान हैं, और उनकी माता बेबी कुमारी, जो गृहिणी हैं, ने भी अपनी बेटी के सपनों को पंख दिए और उसे हमेशा प्रेरित किया।

शिक्षा और मेहनत से बनी सफलता की कहानी

सोनल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मोरा गांव से प्राप्त की और फिर उच्च शिक्षा के लिए झांसी के रानी लक्ष्मीबाई कॉलेज में कृषि स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने समस्तीपुर के पूसा विश्वविद्यालय से मृदा विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। अपनी पढ़ाई के दौरान ही, 2022 में उनका चयन यूनियन बैंक में ग्रामीण विकास अधिकारी के रूप में हुआ था, लेकिन बैंक में कार्यरत रहते हुए भी उन्होंने अपनी पढ़ाई को जारी रखा और कृषि सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की।

सफलता का राज और प्रेरणा

सोनल रानी अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार के अनमोल समर्थन और सेल्फ स्टडी को देती हैं। उनका कहना है कि “दृढ़ संकल्प और मेहनत से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।” उनकी यह सोच आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है, जो किसी भी मुश्किल के सामने अपने सपनों को छोड़ने के बजाय उसे पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं।

सोनल का यह सफर यह साबित करता है कि अगर किसी के पास लक्ष्य और मेहनत हो, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। उनके इस उपलब्धि ने न केवल अपने क्षेत्र को गर्व महसूस कराया है, बल्कि अन्य ग्रामीण छात्रों के लिए यह एक जीवंत उदाहरण है कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए जोश, लगन और सही मार्गदर्शन सबसे जरूरी है।

सोनल की सफलता ने यह भी दिखाया है कि शिक्षा और मेहनत से कोई भी व्यक्ति किसी भी पद तक पहुंच सकता है, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि से हो। अब उनका अगला लक्ष्य देश और समाज के लिए अपनी सेवाएं देने का है, और इसके लिए वे पूरी तरह से तैयार हैं।


नव नालंदा महाविहार में भारतीय विदेश सेवा प्रशिक्षु अधिकारियों का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संवाद: एक नई शुरुआत

बिहारशरीफ, 30 जनवरी 2025। नव नालंदा महाविहार सम विश्वविद्यालय, नालंदा में दो दिवसीय ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जो न केवल भारतीय विदेश सेवा (IFS) के प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक पल साबित हुआ। इस कार्यक्रम ने भारतीय संस्कृति, सभ्यता, और बौद्ध परंपरा के वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार की दिशा में एक नई दिशा दिखायी।

नव नालंदा महाविहार

प्रशिक्षु अधिकारियों का स्वागत और उद्घाटन

कार्यक्रम का उद्घाटन नव नालंदा महाविहार के कुलपति प्रो. सिद्धार्थ सिंह द्वारा किया गया, जिन्होंने इन प्रशिक्षु अधिकारियों का स्वागत करते हुए महाविहार के शैक्षिक और ऐतिहासिक महत्व को उजागर किया। कुलपति ने बताया कि प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय और आज का नव नालंदा महाविहार न केवल भारत के, बल्कि पूरे विश्व के लिए ज्ञान का केंद्र रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये विश्वविद्यालय भारतीय संस्कृति, सभ्यता और बौद्ध परंपरा के वैश्विक प्रचार-प्रसार में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

कुलपति ने यह भी उल्लेख किया कि नव नालंदा महाविहार आजकल बौद्ध देशों के साथ अपने सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंधों को और प्रगाढ़ बना रहा है, जिससे भारत की सॉफ्ट डिप्लोमेसी को भी मजबूती मिल रही है। यह कदम वैश्विक मंच पर भारत की छवि को और अधिक सशक्त बनाता है।

सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संवाद

कार्यक्रम के दौरान, सुषमा स्वराज विदेश सेवा संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे भारतीय विदेश सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों—उत्कर्ष राय, अमन सौरभ, हर्ष, आकांक्षा, अन्नपूर्णा सिंह, सोनम तोपके, और जयश्री प्रधान—ने इस संवाद में भाग लिया। इन अधिकारियों ने भारतीय विदेश नीति और भारतीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर फैलाने के महत्व पर अपने विचार साझा किए।

इसके बाद, प्रशिक्षु अधिकारियों और नव नालंदा महाविहार के प्राध्यापकों के बीच नालंदा के ऐतिहासिक और भौगोलिक पहलुओं पर एक गहरी और सार्थक चर्चा हुई, जिसमें नालंदा विश्वविद्यालय के योगदान और उसकी शैक्षिक परंपराओं को लेकर विचार-विमर्श किया गया।

भग्नावशेषों का भ्रमण: एक जीवंत इतिहास

कार्यक्रम का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा था प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष और ह्वेनसॉन्ग स्मृति भवन का भ्रमण। इन ऐतिहासिक स्थलों को देख कर प्रशिक्षु अधिकारियों ने न केवल भारतीय इतिहास के महानतम विश्वविद्यालयों में से एक के बारे में जानकारियाँ प्राप्त कीं, बल्कि बौद्ध और भारतीय संस्कृति के अंतर्राष्ट्रीय महत्व को भी महसूस किया।

कार्यक्रम का संचालन

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का संचालन प्रो. राणा पुरुषोत्तम कुमार सिंह ने किया। उनका मार्गदर्शन और सहयोग इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ।

एक नया अध्याय: भारतीय विदेश सेवा की नई दिशा

इस कार्यक्रम के माध्यम से न केवल प्रशिक्षु अधिकारियों को भारतीय इतिहास और संस्कृति की गहरी समझ मिली, बल्कि यह भी साबित हुआ कि नव नालंदा महाविहार न केवल एक शैक्षिक संस्थान है, बल्कि एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के रूप में भारत की सॉफ्ट डिप्लोमेसी को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। प्रशिक्षु अधिकारियों ने इस संवाद के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक धरोहर को समझा और इसका वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने के लिए अपने प्रयासों को और अधिक सशक्त बनाने का संकल्प लिया।

यह संवाद न केवल भारत बल्कि दुनिया को एक संदेश देता है कि हमारी संस्कृति और इतिहास का वैश्विक महत्व है, और इसे समझकर हम अपनी सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों को और प्रगाढ़ कर सकते हैं।


आरोपी ने थाना में किया आत्मसमर्पण, 3 महीने से था फरार !

हरनौत (नालंदा), 30 जनवरी 2025। तेलमर थाना के ललुआडीह गांव के निवासी जितेन्द्र सिंह के पुत्र पिंटु कुमार ने आखिरकार गुरुवार को बिहार थाना में आत्मसमर्पण कर दिया। यह घटनाक्रम उस वक्त हुआ जब आरोपी पिछले तीन महीने से फरार था, और पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही थी।

फरार आरोपी का आत्मसमर्पण

पिंटु कुमार के खिलाफ बीते तीन अक्टूबर को कांड संख्या 70/24 दर्ज किया गया था, जिसमें गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। आरोपों में धारा 126(2)/115(2)/74/352/351(2) बीएनएस और 8/12 पोक्सो एक्ट शामिल हैं। इस मामले में आरोपी पर महिला सुरक्षा और कई अन्य गंभीर आरोप थे, जिससे पुलिस प्रशासन पर दबाव बना हुआ था।

तेलमर थानाध्यक्ष शत्रुघ्न शाह ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से पुलिस आरोपी को पकड़ने के लिए कई प्रयास कर चुकी थी। इस बीच, आरोपी के घर पर विधिवत कुर्की भी की जा रही थी, लेकिन पिंटु कुमार गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार था। पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी, और कुर्की की कार्रवाई के दौरान ही आरोपी ने आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया।

कुर्की की कार्रवाई स्थगित, आत्मसमर्पण के बाद राहत

पिंटु कुमार के आत्मसमर्पण के बाद पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए की जा रही कुर्की की कार्रवाई को स्थगित कर दिया। इस कदम से पुलिस को एक बड़ी राहत मिली है, क्योंकि आरोपी ने खुद सामने आकर कानूनी प्रक्रिया का पालन किया है। थानाध्यक्ष शत्रुघ्न शाह ने बताया कि अब आरोपी को न्यायिक प्रक्रिया के तहत गिरफ्तार किया जाएगा और उसके खिलाफ मामले की सुनवाई शुरू होगी।

समाज और कानून के लिए एक संदेश

यह घटनाक्रम समाज में कानून के प्रति डर और संवेदनशीलता का एक अहम उदाहरण पेश करता है। हालांकि आरोपी के खिलाफ गंभीर आरोप थे, लेकिन आत्मसमर्पण करने के बाद उसे कानून की प्रक्रिया के अनुसार सजा दिलवाना अब पुलिस का प्रमुख कार्य बन गया है। पुलिस ने बताया कि इस तरह के कदम न केवल कानून व्यवस्था को मजबूत करते हैं, बल्कि यह समाज में एक सकारात्मक संदेश भी भेजते हैं कि किसी भी अपराधी को अंततः कानून के दायरे में आना ही पड़ता है।

आखिरकार, आरोपी के आत्मसमर्पण से स्थानीय पुलिस को राहत मिली है, और अब मामले की सुनवाई पूरी प्रक्रिया के तहत होगी, जिससे पीड़ित पक्ष को न्याय मिलने की संभावना बढ़ गई है।


राष्ट्रीय शहीद दिवस पर पुलिस ने शहीदों को किया याद, दो मिनट का मौन रखकर नमन किया

हरनौत (नालंदा), 30 जनवरी 2025। कल्याण बिगहा थाना परिसर में राष्ट्रीय शहीद दिवस के मौके पर गुरुवार को एक भावुक और सम्मानजनक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर एसएचओ सुषमा कुमारी के नेतृत्व में थाना परिसर में उपस्थित सभी पुलिस अधिकारियों और पुलिस बल ने दो मिनट का मौन रखकर उन बहादुर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति दी।

कल्याण बिगहा थाना

शहीदों के प्रति सम्मान और श्रद्धा

राष्ट्रीय शहीद दिवस, हर साल 30 जनवरी को मनाया जाता है, जो देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और शहीदों के योगदान को याद करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। इस दिन, विशेष रूप से उन वीरों को श्रद्धांजलि दी जाती है, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम और देश की रक्षा में अपना जीवन बलिदान कर दिया।

इस मौके पर थाना परिसर में एक शांति और श्रद्धा का माहौल था, जहां सभी पुलिसकर्मियों ने अपने-अपने सिर झुका कर शहीदों को याद किया। दो मिनट का मौन रखकर शहीदों के प्रति सम्मान और श्रद्धा व्यक्त की गई। एसएचओ सुषमा कुमारी ने अपने संबोधन में कहा, “हम उन शहीदों को कभी नहीं भूल सकते, जिनकी बदौलत हम आज़ादी से जी रहे हैं। उनका बलिदान हमें देश सेवा में और समर्पण के साथ काम करने की प्रेरणा देता है।”

पुलिस बल का समर्पण

शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद, पुलिस बल के सभी सदस्यों ने इस दिन को एक अवसर के रूप में लिया, ताकि वे शहीदों के योगदान को न केवल याद रखें, बल्कि उसकी विरासत को अपने कार्यों के माध्यम से आगे बढ़ाएं। कार्यक्रम में कल्याण बिगहा थाने के सभी पुलिस अधिकारी, अन्य कर्मचारियों और गांववासियों ने भी भाग लिया और शहीदों के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित की।

समाज में शांति और एकता का संदेश

पुलिस अधिकारियों और बल ने इस अवसर पर यह संदेश भी दिया कि शहीदों का बलिदान केवल हमारे स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा नहीं था, बल्कि यह समाज में शांति, एकता और भाईचारे की भावना को भी मजबूत करता है। इस तरह के आयोजन समाज में एकता और शांति की भावना को बढ़ावा देते हैं, साथ ही लोगों को देश के लिए अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए प्रेरित करते हैं।

कार्यक्रम का समापन शहीदों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना के साथ हुआ, जिसमें सभी ने एकजुट होकर शांति और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।


वड़ी पैठाना गांव में श्री नवचंडी यज्ञ और श्रीमद देवी भागवत ज्ञान यज्ञ का भव्य आयोजन, श्रद्धा और आस्था का संगम

वड़ी पैठाना गांव

इस्लामपुर (नालंदा), 30 जनवरी 2025। इस्लामपुर प्रखंड के वड़ी पैठाना गांव में आज से श्री नवचंडी यज्ञ सह श्रीमद देवी भागवत ज्ञान यज्ञ का आयोजन बड़े धूमधाम से शुरू हुआ। यह धार्मिक आयोजन न केवल गांव के लोगों के लिए बल्कि आसपास के दर्जनों गांवों के श्रद्धालुओं के लिए एक अहम धार्मिक और सांस्कृतिक अवसर बन गया है। यज्ञ के पहले दिन, कलश यात्रा ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया।

विस्तृत कलश यात्रा ने गांव को जोड़ा एकजुट

प्रारंभ में, वड़ी पैठाना गांव से सैकड़ों श्रद्धालुओं ने एक विशाल कलश शोभायात्रा का आयोजन किया, जिसमें किशुनदेव विगहा, महुआबाग, महमदपुर, काजीविगहा, योगी विगहा और आसपास के कई गांवों के महिला-पुरुष श्रद्धालु शामिल हुए। यह यात्रा अपने आप में एक अद्भुत दृश्य थी, जिसमें महिलाएं 551 कलशों में जल भरकर जैतीपुर जलवार नदी से देवी स्थान तक लाई। शोभायात्रा के दौरान लोग गूंजते मंत्रों और भजनों के साथ देवी के प्रति अपनी आस्था व्यक्त कर रहे थे।

श्रद्धालु यात्रा के दौरान कलशों को बेहद श्रद्धा और आस्था के साथ लेकर चल रहे थे। जैसे ही यात्रा यज्ञ स्थल के पास पहुंची, पूरे माहौल में एक दिव्य और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो गया। यह दृश्य न केवल धार्मिक आस्था को दर्शाता था, बल्कि सामाजिक एकता और भक्ति की शक्ति का भी प्रतीक था।

यज्ञ के दौरान रोज़ाना श्रीमद भागवत कथा का प्रवचन

यज्ञ के आयोजन की मुख्य आकर्षण श्रीमद देवी भागवत ज्ञान यज्ञ है, जिसमें मथुरा वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक श्री देवकी नंदन भारद्वाज प्रतिदिन शाम 6 से 11 बजे तक श्रीमद भागवत कथा का प्रवचन करेंगे। उनका प्रवचन न केवल धर्म की गूढ़ता को समझाने वाला होगा, बल्कि यह श्रद्धालुओं के मन में आस्था और भक्ति का संचार करेगा। कथा के दौरान श्रद्धालु गहरे ध्यान और श्रद्धा के साथ भाग लेंगे।

चार दिवसीय यज्ञ के समापन पर भव्य पूर्णाहुति और भंडारा

आयोजन के प्रमुख आयोजक और स्थानीय सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह, मनीष पांडेय, और उपेंद्र यादव के अनुसार, यह यज्ञ 30 जनवरी से 2 फरवरी तक चलेगा और 3 फरवरी को पूर्णाहुति के साथ समापन होगा। समापन के दिन एक भव्य भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु एक साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण करेंगे और इस दिव्य अवसर का लाभ उठाएंगे।

धार्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक

यह आयोजन न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह सामाजिक एकता और आस्था का प्रतीक भी बन गया है। गांव के लोग और आसपास के क्षेत्र के लोग मिलकर इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। आयोजकों ने इस यज्ञ को गांववासियों और श्रद्धालुओं के बीच एकता और भाईचारे की भावना को मजबूत करने का अवसर बताया।

पूरे आयोजन में श्रद्धा, भक्ति और समाज की सामूहिक शक्ति का अद्वितीय मिलाजुला रूप देखा जा रहा है। हर किसी के चेहरे पर आस्था और खुशी की झलक साफ दिखाई दे रही है, जो इस आयोजन की सफलता का प्रमाण है।


ककड़िया विद्यालय में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर भावुक श्रद्धांजलि और विचारों का उत्सव

ककड़िया, नूरसराय 30 जनवरी 2025। स्वतंत्रता संग्राम के महान नायक महात्मा गांधी की 77वीं पुण्यतिथि पर ककड़िया गाँव स्थित मध्य विद्यालय ककड़िया में एक विशेष श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यह दिन, जब बापू को उनकी असामयिक हत्या के बाद हमसे छीना गया था, विद्यालय में शहीद दिवस के रूप में मनाया गया। गांधी जी की पुण्यतिथि पर इस आयोजन में न केवल शिक्षकों और छात्रों का उत्साहपूर्ण समागम हुआ, बल्कि उनके विचारों और संघर्षों की गूढ़ता को समझने का भी एक गहरा अवसर बना।

middle school kakadiya

गांधी जी के चित्र पर माल्यार्पण और श्रद्धांजलि

विद्यालय परिसर में आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा की शुरुआत विद्यालय के प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार द्वारा महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर की गई। उन्होंने अपनी पूरी टीम और समस्त शिक्षकों के साथ श्रद्धा-सुमन अर्पित किए और बापू को नमन किया। इस अवसर पर उन्होंने गांधी जी के संघर्ष और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग का जिक्र करते हुए कहा, “गांधी जी ने सत्य और अहिंसा का जो मार्ग दिखाया, वह न केवल स्वतंत्रता संग्राम का अभिन्न हिस्सा था, बल्कि आज भी हमारे समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उनका आदर्श हमें प्रेरणा देता है कि सत्य के मार्ग पर चलकर किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।”

विद्यार्थियों को गांधी जी के विचारों से प्रेरित किया गया

कार्यक्रम में मौजूद वरीय शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी के जीवन के प्रेरक पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि “महात्मा गांधी का 77वां पुण्यतिथि आज ही के दिन मनाया जाता है, जब 1948 में नाथूराम गोडसे ने बापू की गोली मारकर हत्या कर दी थी।” उन्होंने आगे कहा कि गांधी जी ने न केवल सत्य और अहिंसा के बल पर भारत को स्वतंत्रता दिलाई, बल्कि उनके जीवन का प्रत्येक क्षण हमें यह सिखाता है कि नफरत और हिंसा के बावजूद प्यार और शांति से दुनिया को बदला जा सकता है।

गांधी जी के आदर्शों पर जीवन जीने की प्रेरणा

शिक्षिका पूजा कुमारी ने बच्चों को गांधी जी के जीवन के सिद्धांतों को आत्मसात करने की अपील की। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा, “हमें भी जीवन में सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। गांधी जी का जीवन यही सिखाता है कि हम यदि सच्चे दिल से किसी लक्ष्य को प्राप्त करना चाहें, तो वह अवश्य प्राप्त होता है।”

शिक्षक सच्चिदानंद प्रसाद ने महात्मा गांधी के जीवन को सत्य, अहिंसा, स्वतंत्रता और मानवता के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि गांधी जी का संघर्ष और उनका समर्पण हमें हमेशा याद रहेगा और हमें उनसे प्रेरणा लेकर अपने जीवन में अच्छे कार्यों को करना चाहिए।

शिक्षकों और छात्रों का योगदान

गांधी जी की पुण्यतिथि के अवसर पर इस आयोजन में विद्यालय परिवार के सभी शिक्षक और छात्र शामिल हुए। शिक्षकों ने गांधी जी के जीवन और उनके संघर्षों के बारे में गहरी बातें साझा की और उनके विचारों को विद्यार्थियों के दिलों में बसाने की कोशिश की। जितेंद्र कुमार मेहता ने भी गांधी जी के सिद्धांतों को संजीवनी के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा, “गांधी जी ने सत्याग्रह और अहिंसा के माध्यम से यह साबित किया कि हर संघर्ष को शांतिपूर्ण तरीके से जीता जा सकता है।”

कार्यक्रम में शिक्षक रणजीत कुमार सिन्हा, अरविंद कुमार शुक्ल, और अनुज कुमार जैसे कई अन्य शिक्षक भी मौजूद थे, जिन्होंने गांधी जी के विचारों को विद्यार्थियों के बीच फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विद्यालय के शिक्षामंत्री नीतू कुमारी और बाल संसद के अन्य सदस्य भी इस आयोजन का हिस्सा बने, और उन्होंने गांधी जी के विचारों को छात्र समुदाय में फैलाने की अपील की।

समाप्ति और एकता की भावना

कार्यक्रम के अंत में सभी ने एक साथ मिलकर गांधी जी के प्रिय भजन “रघुपति राघव राजा राम” का गायन किया और फिर सभी ने गांधी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर सभी ने संकल्प लिया कि वे गांधी जी के आदर्शों का पालन करेंगे और अपने जीवन को सत्य, अहिंसा और समाज सेवा के मार्ग पर चलकर महान बनाएंगे।

यह आयोजन महात्मा गांधी के विचारों और उनके द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलने का एक बेहतरीन अवसर था, जिसने विद्यार्थियों और शिक्षकों को एक नई दिशा और प्रेरणा दी।

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